shabd-logo

common.aboutWriter

,

no-certificate
common.noAwardFound

common.books_of

Najariaa

Najariaa

मेरी सोच और मेरा नजरिया, जरूरी नहीं की दूसरे को पसंद ही आये

0 common.readCount
2 common.articles

निःशुल्क

Najariaa

Najariaa

मेरी सोच और मेरा नजरिया, जरूरी नहीं की दूसरे को पसंद ही आये

0 common.readCount
2 common.articles

निःशुल्क

common.kelekh

प्रदूषण गाथा

11 नवम्बर 2017
0
0

आज फिर दिल्‍ली हुई प्रदूषित आज फिर हुए हम चिंतितपर जब कटते हैं पेड़ तो,          हम न विचलित   होते।जब लगाते गाडि़यों का अंबार              हम न विस्‍मित होते।जब खेलते पार्यावरण से,        हम न कोई मनन करते।जब दूहते अंधाधुंध प्र‍कृति को,       हम न कोई चिंतन करते।जब घरो में

छठ पूजा और पर्यावरण

25 अक्टूबर 2017
3
3

पर्यावरण का हम सबके जिंदगी में कितना महत्व है वो किसी से छुपा नही है। ये अलग बात है कि हम उसे याद नही करना चाहते। पर जब भी हम अपनी सभ्यता और संस्कृति को याद करते हैं तो पर्यावरण को पूजने के कई साक्ष्य जहन में आ ही जाते हैं। अब जबकि अभी छठ पूजा की गूँज चहुं ओर है तो इस समय पर्यावरण के बारे में बात

छठ गीत और उसकी प्रासंगिकता

24 अक्टूबर 2017
0
0

दीवाली का शोर अभी थमा ही था कि लोक आस्था का महापर्व छठ की तैयारी शुरू हो गयी। छठ पूजा और उसकी तैयारी का एक महत्वपूर्ण घटक है, छठ पूजा से से संबंधित पारंपरिक गीत। इन गीतों को गाये जाने की शुरुआत उतनी ही पुरानी है जितनी छठ की परंपरा। पहले इन गीतों को घर के महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप में गाया जाता था।

मैं, दीवाली और परंपरा

17 अक्टूबर 2017
0
0

दीवाली, दीपावली या दीपोत्सव जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है, एक ऐसा उत्सव जिसमें दीप का विशेष महत्व है। मेरे लिए भी यह हमेशा से उत्सव ही रहा है। परंतु पिछले वर्ष दीवाली का एक अलग ही रूप मेरे सामने आया, क्योंकि उस साल मैं दिल्ली में था।

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए