पेड़ पौधेएक बार दीपक नाम का लड़का किसी जंगल में गायों को चराने के लिए गाँव के अन्य लोगों के साथ गया। उस समय उसके माता-पिता कहीं बाहर गये थे। घर पर बूढ़े दादा-दादी ही थे, इसलिए गायों को चराना जरुरी था।
बहुत जरूरीआज खुशी के परिवार में बेहद ही खुशी का माहौल था। उसकी माँ तो फूले न समा रही थी। वह विद्यालय आकर सभी शिक्षकों से मिलकर उनके द्वारा किये गए सहयोग के लिए नतमस्तक हो आभार व्यक्त कर रही थी, क्योंक
सबका दुलारा अनीश -अनीश सुबह छः बजे उठता है। सभी बड़ों को नमो नमः करता है। साधारणतः वह रोज पाठशाला जाता है। सवेरे नाश्ता कर पढ़ने बैठ जाता है।पाठ याद करने के लिए वह उसे दोहरा कर पढ़ता है। धीरे - धीरे उसे
जंगल की पाठशालाएक दिन शेर सिंह अपने जंगल में घूमने निकले। घूमते - घामते एक पेड़ पर टंगी एक तख्ती देखी। रुक गए। जोर से दहाड़ा। उनकी दहाड़ सुन चुन्नू चूहा अपने बिल से निकला। शेर सिंह को देखा तो हाथ जोड़कर ख
कहानी -एक थी मैना। पंख फैलाकर उड़ती थी तथा मीठे गीत सुनाती थी। एक दिन वह मीना की टाट वाली झोपड़ी के घर पर बैठी थी। एक बदमाश लड़का उसे पकड़ने की तैयारी में जुटा। राह से जाने वाले कैलाश ने उसे देख लिया।कैल
हंस और हंसिनी एक बार एक हंस और हंसिनी हरिद्वार के सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये। हंसिनी ने हंस को कहा कि 'ये किस उजड़
सोनल परी एक परी थी। उसका नाम सोनल था। वह बहुत सुंदर थी। उसके पास एक जादुई छड़ी थी। उस छड़ी से सोनल परी मनचाहा काम कर सकती थी। सोनल परी को बच्चे बहुत अच्छे लगते थे। वह बच्चो के साथ खेल
1. घोड़ा... तांगे में भी ये है लगता। और लड़ाई में है लड़ता।। बहादुर भी है इस पर चढ़ता। सरपट दौड़े कभी न अड़ता।। सर्कस में ये खेल दिखाता। घास चने खुश होकर खाता।।
ये बेटिया भारत की बेटियां हमारी बेटिया खिलखिलाती बेटियां । पालने में पलती जल्दी से समझदार होती है । कोई झंझट नही करती माँ बाप को समझती है। हमारी बेटिया खिलखिलाती बेटियां ।