एक थी मैना। पंख फैलाकर उड़ती थी तथा मीठे गीत सुनाती थी। एक दिन वह मीना की टाट वाली झोपड़ी के घर पर बैठी थी। एक बदमाश लड़का उसे पकड़ने की तैयारी में जुटा। राह से जाने वाले कैलाश ने उसे देख लिया।
कैलाश नहीं जानता था की मैना को वह बदमाश लड़का पकड़े इसलिए कैलाश ने एक कंकड़ मैना की ओर उछाल दिया। जिससे मैना उड़ गई और उसकी जान बच गई।