अनीश सुबह छः बजे उठता है। सभी बड़ों को नमो नमः करता है। साधारणतः वह रोज पाठशाला जाता है। सवेरे नाश्ता कर पढ़ने बैठ जाता है।
पाठ याद करने के लिए वह उसे दोहरा कर पढ़ता है। धीरे - धीरे उसे पाठ याद हो जाता है। अंततः खाना खाकर वह पाठशाला जाता है। संभवतः उसे हर विषय में अधिकाधिक अंक आएं। अतः वह सबका दुलारा है।