सिरसा मे रहने वाले एक परिवार के पति पत्नी के बीच दरी ऐसी बढती है की पत्नी ससुराल को त्याग कर अपने मायके इलाहाबाद चली जाती है। बाद मे उनका मिलन कुछ विचित्र परिस्थितियों में होता हा।
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**रिश्तों की बुनियाद ** (कहानी प्रथम क़िश्त) दुर्ग धमधा के बीच एक छोटा सा गांव है सिरसा । आबादी वा मुश्किल दस हजार होगी । भौतिक सुविधाओं के नाम
रिश्तों की बुनियाद ( कहानी दूसरी क़िश्त )( अब तक --अपने पति के व्यौहार से परेशान होकर आभा अपने ससुराल का घर छोड़कर इलाहाबाद अपने मायके आ गई--इससे आगे )उधर अजय भी गुस्से से भरा थ
( रिश्तों की बुनियाद ) तीसरी क़िश्त दो कि.मी. चलने के बाद एकदम सुनसान जगह आ गया । एक पंडे ने कहा कि बस यहाँ हमें पूजा अर्चना करनी है । फिर दरी बिछा कर उन दोनों को बैठने को कहा और एक लो
( रिश्तों की बुनियाद ) अंतिम क़िश्त इनके चेहरे पर हल्की फुल्की चोट लगी है । डॉ . गुप्ता ने बाबा के जख्म को अच्छे से जांच करके कहा कि धाव कुछ गहरे हैं । टांका लगाना पड़ेगा । घाव द