मैंने भूत देखामैंने एक बार देखा है भूत...वह छाया थी, या सच-मुच!एक दिन गोधुली के समय बेतिया रेलवे स्टेशन के करीब घटित हुई एक घटना की स्मृति ताजी हो गई।संभवतः अप्रैल 1969 की बात है, याने आज से लगभग 52 साल पहले की बात।उधर, शहर से बाहर, उन दिनों प्रायः सन्नाटा रहता था पर आज वह चकाचक फोर लेन कनेक्टिंग हा
शाम कोविद्यालय से घर वापिस आते ही श्रीमती जी का आदेश हुआ की कुछ जरुरी सामान लानाहै...भागते हुए बाजार गया...वापिस आते-आते रात्रि के आठ बज चुके थे...आते ही भोजनपर टूट पड़ा....अभी प्रथम निवाला ही मुंह को गया था की फोन घनघना उठा...निवालागटकते-गटकते जेब में हाथ डाला और मोबा
आनन्द स्कौलरशिपडॉ शोभा भारद्वाज नौएडा नया नया बसा था छोटे बच्चों के लिए स्कूलों की जरूरत थी हमारे परिवार का प्राईमरी तक स्कूल था | एक नेपाली, गोरे चिट्टे नेपाली लड़के को साथ लाया आपको स्कूल में काम करने के लिए किसी की जरूरत होगी यह लड़का ढाबे में काम करता मझे मिला लेकिन वहाँ बहुत दुखी था अत : आपके
चमड़ी का रंग भले ही काला या साँवला हो,,,,मुस्कुराहट का रंग हमेशा ही खूबसूरत होता है ।।।।#दिVयाअम्बेDकर