हमारा सुख जीवन की उन रचनाओं में है जिससे मानवता विकसे
सदा सहज हो जीवन दाता कटुटा ना अपनाऊँ मानवता हित सदा समर्पित का जीवनदर्शन अपनाऊँ । जिस हित बना बना राष्ट्र यह उस हित बलि बलिदान सदा अपने को पाऊँ नाथ मालिक ईश है सृष्टा उसकी मर्जी पर चल पाऊँ नारी सम्मान सतत् जीवन माता का जीवन भारी भार ऋण से सदा