व्यंग्य की धार
एक :सुनो !!व्यंग्य के धागे मेंमत लपेटना काँच का पाउडरतेज़ माँझा झटके में काट देगा गरदनसमझने से पहले ही प्राण त्याग देगा लक्ष्यधागे को रखो मोटामध्य में बाँधो तमाम गाँठेगाँठों से छिली त्वचा पर अंकित संकेततमाम उम्र रहेंगे प्रासंगिकरगड़ की जलन अधिक स्थायी होती है अचानक आई मृत्यु की पीड़ा से दो :पतंग के साथ