एक :
सुनो !!
व्यंग्य के धागे में
मत लपेटना काँच का पाउडर
तेज़ माँझा झटके में काट देगा गरदन
समझने से पहले ही प्राण त्याग देगा लक्ष्य
धागे को रखो मोटा
मध्य में बाँधो तमाम गाँठे
गाँठों से छिली त्वचा पर अंकित संकेत
तमाम उम्र रहेंगे प्रासंगिक
रगड़ की जलन अधिक स्थायी होती है
अचानक आई मृत्यु की पीड़ा से
दो :
पतंग के साथ उड़ते व्यंग्य पर रखो नियंत्रण
उचित दूरी और दिशा में दो ढील
सही समय पर उलझाओ लक्ष्य की पतंग
दिखाओ चपल उँगलियों की चातुरी
एक ही झटके में काट दो विरोधी पतंग
तब फड़क उठेंगी
तुम्हारे बाजुओं की मछलियाँ
और लक्ष्य की दायीं आँख भी..