इंतज़ार ..
जब भी तुम
सफलताओं की..
सीढ़ी चढ़ते थे,
हर कदम मेंरा दिल.
कुचलता था,
तुम्हारे पैरों तले.
दर्द सह कर भी,
हम हँसते थे,
उम्मीद करते थे,
लौट कर जब आओगे .
तब मेरे दिल उठा कर ,
सहलाओगे बहलाओगे .
पछताओगे अपने किए पर
लेकिन कभी भी ,
वो दिन नहीं आया.
तुम आगे और आगे,
बढ़ते रहे बढ़ते रहे
हम सिर्फ पहली सीढ़ी खड़े.
अपन