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सरकारी स्कूलों का हाल

2 मार्च 2022

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 क्या क्या जलवे कर अब दिखाने लगा है,
आदमी,आदमी ही खुदाको बनाने लगा है || 


आईना बन कर मे सामने क्या गया , 


देखकर मुझेवो बौखलाने लगा है ||  

जिस पर खुद से भी अधिक भरोसा किया , 

राहोमे वही कॉँटे बिछाने लगा है ||  

जख्म यादो के भरने लगे थे मगर , 

फिरसे जालिम याद आने लगा है || 

देख हाल सरकारी स्कूलों का ,  

आपने बच्चो को मे खुद से पढ़ाने लगा है ||   

पुष्पा कुमारी  

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