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ख्वाहिसे कब मरती हैं इंसान की, जीने का हर वक्त अरमां बना रहता है। डूबने लगे अगर सूरज तो भी,सफक कुछ वक्त तक तो बना रहता है। उम्मीद टूटने लगे अगर किसी की, फिर भी कोई आश दिल के किसी कोने में हर पल 
खुली आखों से जिसे देखता हूँ, वो मुक्कमलख्वाब हो तुम। चेहरे से जो मेरी झलके ,वही खूबसूरत अन्दाज हो तुम। जिसे पा के भी हमेसा प्यासा रह जाऊँ ,वो जानी पहचानी सी प्यास हो तुम। हो वही तुम जिसे
तुम गीत बनो मेरे दिल की, मै साज तुम्हारा हो जाऊँ। तुम कल हमारा हो जाओ,मै आज तुम्हारा हो जाऊँ।। &n