ख्वाहिसे कब मरती हैं इंसान की, जीने का हर वक्त अरमां बना रहता है।
डूबने लगे अगर सूरज तो भी,सफक कुछ वक्त तक तो बना रहता है।
उम्मीद टूटने लगे अगर किसी की, फिर भी कोई आश दिल के किसी कोने में हर पल बना रहता है।
मिलना बिछड़ना तो है सबब जिंदगी का, कोई साथ निभा जाए कुछ पल का,हर कोई उस साथ पे कहाँ फना होता है।
Saurabh bhatt ✒️