shabd-logo

ख्वाहिस

19 सितम्बर 2022

12 बार देखा गया 12

ख्वाहिसे कब मरती हैं इंसान की, जीने का हर वक्त अरमां बना रहता है।
डूबने लगे अगर सूरज तो भी,सफक कुछ वक्त तक तो बना रहता है।
उम्मीद टूटने लगे अगर किसी की, फिर भी कोई आश दिल के किसी कोने में हर पल  बना रहता है।
मिलना बिछड़ना तो है सबब जिंदगी का, कोई साथ निभा जाए कुछ पल का,हर कोई उस साथ पे कहाँ फना होता है। 

                         Saurabh bhatt ✒️

Saurabh Bhatt की अन्य किताबें

किताब पढ़िए