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सावन आया बारिश  लाया

30 जनवरी 2023

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सावन आया बारिश  लाया '


मन को फिर हर्षाने आया,


बारिश की टप -टप बूदो से,


हवा की मन्द -मन्द झोको से,


प्रकृति को फिर बहलाने आया ,


सावन आया बारिश  लाया '


मन को फिर हर्षाने आया ।।


                 पक्षी के कलरव  से,


                 बादल के उमड़ने से ,


                 नभ के गरजने से,    


                बिजली चमकने से,


                इन्द्रधनुष के बनने से ,


                फैली भन्द शीतलता से ,


                हृदय को फिर हर्षाने आया


                 सावन आया बारिश लाया


                  मन को फिर हर्षाने आया ।।


धूप-छाँव का खेल लाया ,


दिन मे ही चांदनी रात करता,


बारिश मूसलाधार करता ,


फिर चारों तरफ पानी ही पानी का अम्बार  करता ,


कही बाढ़ ,कही बहाव ,


चारो तरफ हरियाली का ही फैलाव ,


कृषक करते खेत की तैयारी,


खग करते  नभ विचरण की तैयारी ,


मेढक, करता  टर्र-टर्र,


कहता  यह है रिम -झिम का मौसम ,


नाचो, गाओ, मदमस्त  हो जाओ ,


मौसम के इस फुहार मे ,


यही है हरियाली की  जुबानी कहानी।


सावन आया बारिश  लाया '


मन को फिर हर्षाने आया,


                   विनोद पाण्डेय "तरु "

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रचनाएँ
साहित्य चेतना
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साहित्य संग्रह ,काव्य व लेख
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हर हाल में चलना सीखो

31 अगस्त 2022
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हर हाल में चलना सीखो हर पल हँसना - रहना सीखो निंद्रा - तंद्रा त्यागना सीखो अपने आपको जगाना सीखो हर हाल में चलना सीखो हर पल का हँसना - रहना सीखो।। हर हाल में चलना सीखो हर - पल हँसना - रहना सीखो न

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नव वर्ष

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पुरुषार्थ

9 जनवरी 2023
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पुरुष है पुरुषार्थ कर नव- सृजन का आह्वान कर मन को उदीप्त तन को प्रदीप्त कर ' अलभ्य को लभ्य नव राह को प्रशस्त कर पुरुष हैं पुरुषार्थ कर नव- सृ

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सीखो

15 जनवरी 2023
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जो बीत गया सो बीत गया

30 जनवरी 2023
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जो बीत गया सो बीत गया , उस पर  क्यों शोक  मनाते हो , जो छूट गये सो छूट गये, उस पर क्यो अश्रु बहाते हो , जो है अभी उस पर क्यों नहीं चिंतन करते हो , जो बीत गया सो बीत

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सावन आया बारिश  लाया

30 जनवरी 2023
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सावन आया बारिश  लाया ' मन को फिर हर्षाने आया, बारिश की टप -टप बूदो से, हवा की मन्द -मन्द झोको से, प्रकृति को फिर बहलाने आया , सावन आया बारिश  लाया ' मन को फिर हर्षाने आया

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भाषा व शब्द

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🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹 ******************* 🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌹 *भाषा व शब्द* 🌹 ****************************  *भाषा व शब्द किसी लेखनी की आत्मा होती है । लेखिनी भाषा और शब्द की शरीर होती है । भाषा

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शिकायत

1 मार्च 2024
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 🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹 ******************** 🌴🌴🌴🌴🌴🌴         🌹 *शिकायत* 🌹       ┅━❀꧁꧂❀━┅┉           🌹 🌹 🌹 🌹 🌹🌹🌹 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴                        *अगर देखा जाए तो

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माँ  

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                                             माँ                                 ┅━❀꧁꧂❀━┅┉                                             🌹 🌹 🌹 🌹 🌹                                      🌴🌴🌴🌴🌴

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साहस

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बक्त का मंजर बढ़ता गया, वह अपने सवाल में कुछ न कुछ करता ही गया। मैं तो था एक प्रतिभागी, जो कभी न था अवसरवादी। हुआ यूं कुछ मेरे साथ, मेरी दुनिया ही बदल गयी अपने आप। यूं तो तालीम मिली मानव को इंसान

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