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शिकायत

1 मार्च 2024

6 बार देखा गया 6

 🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹

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        🌹 *शिकायत* 🌹      

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 *अगर देखा जाए तो जिंदगी के दो ही पहलू है लाभ -हानि , जीवन- मरण ,आशा -निराशा  ,सुख - दुख दिन-रात।।  ठीक उसी प्रकार शिकायत के दो ही आयाम है शिकायत और प्रशंसा ।। शिकायत और प्रशंसा दोनों अपने आप में महत्वपूर्ण है किसी की नकारात्मकता है तो किसी की सकारात्मक ।।  शिकायत को इतने गिरे हुए निगाहों से देखना उचित नहीं शिकायत भी कभी-कभी जबरदस्त अमुक  व्यक्ति में परिवर्तन लाता है* ।। *कभी-कभी व्यक्ति को अपनी कमियों का एहसास नहीं होता , अपने दुर्गुणों का एहसास नहीं होता , अपने असफलताओं के कारणों का  एहसास नहीं होता , उसका अवलोकन कोई दूसरा व्यक्ति करता है फिर उसे सुधारने के रूप में एक शिकायती रूप में बताता है कि आपका वास्तविक कारण यह है असफल होने का,  दुख होने का या ना सुधारने का या ना परिवर्तन होने का ।। कभी-कभी शिकायत ही व्यक्ति में अमूल- चूल परिवर्तन लाता है । इसलिए शिकायत को सकारात्मक रूप में देखा जाए हो सकता है यह हमारी कर्मियों को दूर करने में सहायक हो* ।।  *अगर शिकायत सकारात्मक नहीं है उसको उसी उसी क्षण तुरंत अनावश्यक रूप समझ करके छोड़ देना चाहिए।।  लेकिन शिकायत के बिना जीवन हो ये संभावना नहीं  है ।। जीवन है तो शिकायत है और शिकायत है तो जीवन है ।।लेकिन शिकायत इतनी भी ना बढ़ जाए की जीवन ही शिकायत बन जाए और शिकायत ही जीवन बन जाए।। तालमेल ही जीवन का एक अभेध किला है* । *यह ताल-मेल ही जीवन के रंग है ।। इसलिए शिकायत और प्रशंसा दोनों को साथ लेकर  चलते रहना चाहिए किसी ना किसी रूप में यह हमें पूर्णता के रूप में ही ले जाते हैं* ।। *धन्यवाद*



 *विनोद पांडेय* " *तरु* "

            *भारत खंड जंबूदीप*



🚩 *22 जनवरी* , *2024* 🚩

🚩🙏  *राम लला प्राण प्रतिष्ठा* 🙏🚩

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर लिखा है आपने सर 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏🙏

2 मार्च 2024

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत बेहतरीन लिखा है आपने ✍️👌👌👌👌👍👍👍 पढ़ें मेरी कहानी कचोटती तन्हाइयां पढ़कर सभी भागों पर अपना लाइक 👍 कर दें 🙏

2 मार्च 2024

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रचनाएँ
साहित्य चेतना
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साहित्य संग्रह ,काव्य व लेख
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हर हाल में चलना सीखो

31 अगस्त 2022
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हर हाल में चलना सीखो हर पल हँसना - रहना सीखो निंद्रा - तंद्रा त्यागना सीखो अपने आपको जगाना सीखो हर हाल में चलना सीखो हर पल का हँसना - रहना सीखो।। हर हाल में चलना सीखो हर - पल हँसना - रहना सीखो न

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नव वर्ष

1 जनवरी 2023
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नव वर्ष आया नव मंगल लाया नव सृजन का आह्वान लाया ।। नव वर्ष आया नव संकल्प  लाया भूले-बिसरे का नव याद लाया।। नव वर्ष आया नव विचार लाया व्यसन   छोड़ने का पैगाम लाया ।।

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पुरुषार्थ

9 जनवरी 2023
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पुरुष है पुरुषार्थ कर नव- सृजन का आह्वान कर मन को उदीप्त तन को प्रदीप्त कर ' अलभ्य को लभ्य नव राह को प्रशस्त कर पुरुष हैं पुरुषार्थ कर नव- सृ

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सीखो

15 जनवरी 2023
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फूलों से नित हंसना सीखो और चंद्रमा से सौमयता सीखो || भौरो से नित गाना सीखो और हिमालय से दृढ- धैर्यता सीखो || ऋतुओं से नित परिवर्तन सीखो और अरुण से प्रकाश देना सीखो ||

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जो बीत गया सो बीत गया

30 जनवरी 2023
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जो बीत गया सो बीत गया , उस पर  क्यों शोक  मनाते हो , जो छूट गये सो छूट गये, उस पर क्यो अश्रु बहाते हो , जो है अभी उस पर क्यों नहीं चिंतन करते हो , जो बीत गया सो बीत

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सावन आया बारिश  लाया

30 जनवरी 2023
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सावन आया बारिश  लाया ' मन को फिर हर्षाने आया, बारिश की टप -टप बूदो से, हवा की मन्द -मन्द झोको से, प्रकृति को फिर बहलाने आया , सावन आया बारिश  लाया ' मन को फिर हर्षाने आया

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भाषा व शब्द

19 दिसम्बर 2023
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🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹 ******************* 🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌹 *भाषा व शब्द* 🌹 ****************************  *भाषा व शब्द किसी लेखनी की आत्मा होती है । लेखिनी भाषा और शब्द की शरीर होती है । भाषा

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शिकायत

1 मार्च 2024
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 🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹 ******************** 🌴🌴🌴🌴🌴🌴         🌹 *शिकायत* 🌹       ┅━❀꧁꧂❀━┅┉           🌹 🌹 🌹 🌹 🌹🌹🌹 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴                        *अगर देखा जाए तो

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माँ  

2 मार्च 2024
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                                             माँ                                 ┅━❀꧁꧂❀━┅┉                                             🌹 🌹 🌹 🌹 🌹                                      🌴🌴🌴🌴🌴

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साहस

4 मार्च 2024
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🌹  🌹 *राष्ट्र चेतना* 🌹🌹 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 🌹🌹🌹 *साहस* 🌹🌹🌹 ***************************** 🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴🌴 *साहस एक सर्वोत्तम मानवीय  गुण है । साहस व्यक्तिगत होता है । हर व्यक्त

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मनोवृत्ति

8 अप्रैल 2024
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बक्त का मंजर बढ़ता गया, वह अपने सवाल में कुछ न कुछ करता ही गया। मैं तो था एक प्रतिभागी, जो कभी न था अवसरवादी। हुआ यूं कुछ मेरे साथ, मेरी दुनिया ही बदल गयी अपने आप। यूं तो तालीम मिली मानव को इंसान

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स्वयं से प्रश्न

10 अप्रैल 2024
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इस गम-ए-नसीहत को राह नहीं दिखता बुलाने पर भी कोई पास नहीं दिखता। बेताबी और भी बढ़ जाती जब हाथ कुछ खास नहीं आती। उदासी का मंजर गम का सैलाब बन जाता उम्मीदों का घड़ा टूट अपने वजूद में

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स्वयं से प्रश्न

10 अप्रैल 2024
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इस गम-ए-नसीहत को राह नहीं दिखता बुलाने पर भी कोई पास नहीं दिखता। बेताबी और भी बढ़ जाती जब हाथ कुछ खास नहीं आती। उदासी का मंजर गम का सैलाब बन जाता उम्मीदों का घड़ा टूट अपने वजूद में

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