shabd-logo

सावन का महिना

23 जुलाई 2024

7 बार देखा गया 7

             सावन का महिना आया

देखो, खुशहाली आई है
चहुंओर हरियाली दिखाई है
हर एक जीव में खुमारी छाई है,
कि सावन का महिना आया है।

कोयल कूक रही बाग में,
पपीहा टेर लगाएं शाम में,
मोर नाच रहा है छांव में,
कि सावन का महिना आया है।

कभी उमड़ रहे बदरा नभ में
कभी इंद्रधनुष दिखता अंबर में,
नवदुल्हन भी हर्षित होए मन में,
कि सावन का महिना आया है।

तीज-त्यौहार प्रेम प्रीत संग है,
श्रृद्धा-भाव तन-मन उमंग है,
हर्षित उल्लास मास तरंग है,
कि सावन का महिना आया है।

नग,धरा में आया हरापन है,
हिलमिल रिश्तों में अपनापन है,
सावन की बयार में सयानापन है,
कि सावन का महिना आया है।

विरहिन की नयनों ने अश्रु छलके,
पर मधुर स्मृतियां से भीग वो हरसे,
पिया मिलन की बेला को मन तरसे,
कि सावन का महिना आया है।
     
               -सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान



6
रचनाएँ
सावन पावन मास
0.0
भारत त्योहार का देश है ,अब चल रहा है श्रावण मास तो उसी पर लिखी मेरी रचना। सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लगाएं शाम में, मोर नाच रहा है छांव में, कि सावन का महिना आया है। कभी उमड़ रहे बदरा नभ में कभी इंद्रधनुष दिखता अंबर में, नवदुल्हन भी हर्षित होए मन में, कि सावन का महिना आया है। तीज-त्यौहार प्रेम प्रीत संग है, श्रृद्धा-भाव तन-मन उमंग है, हर्षित उल्लास मास तरंग है, कि सावन का महिना आया है। नग,धरा में आया हरापन है, हिलमिल रिश्तों में अपनापन है, सावन की बयार में सयानापन है, कि सावन का महिना आया है। विरहिन की नयनों ने अश्रु छलके, पर मधुर स्मृतियां से भीग वो हरसे, पिया मिलन की बेला को मन तरसे, कि सावन का महिना आया है। -सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान
1

सावन का महिना

23 जुलाई 2024
2
0
0

             सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लगाएं शाम में, मोर नाच रहा ह

2

सावन का महिना

23 जुलाई 2024
1
0
0

             सावन का महिना आया देखो, खुशहाली आई है चहुंओर हरियाली दिखाई है हर एक जीव में खुमारी छाई है, कि सावन का महिना आया है। कोयल कूक रही बाग में, पपीहा टेर लगाएं शाम में, मोर नाच रहा ह

3

दोस्ती अनमोल रिश्ता

1 अगस्त 2024
1
1
1

          -दोस्ती अनमोल रिश्ता जीवन में दोस्ती  का है एक ऐसा रिश्ता जिसमें बांट सकते अपनी वास्तविकता, नहीं है यहां नियम, बंधन बस है स्वतंत्रता, आड़े ना आए उसमें मानसिक या भौतिकता,  दोस्ती

4

सावन में-- कवित्त मन मोरा

2 अगस्त 2024
0
0
0

         - कवित्त मन मोरा उपवन बनाया कविता के, खिले खिले शब्द प्रसूनों से, सुगंध महकी भाव विचारों से, सींचा रस मधुर नीर से, खिले उठा वो आंगन उपवन भिन्न भिन्न वृक्षों से। कागज वो न्यारा लगा ध

5

सावन में-- कवित्त मन मोरा

2 अगस्त 2024
0
0
0

         - कवित्त मन मोरा उपवन बनाया कविता के, खिले खिले शब्द प्रसूनों से, सुगंध महकी भाव विचारों से, सींचा रस मधुर नीर से, खिले उठा वो आंगन उपवन भिन्न भिन्न वृक्षों से। कागज वो न्यारा लगा ध

6

सर्दी आई

7 नवम्बर 2024
3
0
0

      सर्दी आई गर्म दिन की हो रही विदाई ठंडे मौसम की ऋतु आई, गर्म लबादे कम्बल रजाई निकालो बाहर सब भाई। डंडी हवा और गुलाबी आभा सुबह सुबह से है टकराई, कहीं  दूर भी नजराने कोहरा पास यह पत्ती प

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए