सावन का महिना आया
देखो, खुशहाली आई है
चहुंओर हरियाली दिखाई है
हर एक जीव में खुमारी छाई है,
कि सावन का महिना आया है।
कोयल कूक रही बाग में,
पपीहा टेर लगाएं शाम में,
मोर नाच रहा है छांव में,
कि सावन का महिना आया है।
कभी उमड़ रहे बदरा नभ में
कभी इंद्रधनुष दिखता अंबर में,
नवदुल्हन भी हर्षित होए मन में,
कि सावन का महिना आया है।
तीज-त्यौहार प्रेम प्रीत संग है,
श्रृद्धा-भाव तन-मन उमंग है,
हर्षित उल्लास मास तरंग है,
कि सावन का महिना आया है।
नग,धरा में आया हरापन है,
हिलमिल रिश्तों में अपनापन है,
सावन की बयार में सयानापन है,
कि सावन का महिना आया है।
विरहिन की नयनों ने अश्रु छलके,
पर मधुर स्मृतियां से भीग वो हरसे,
पिया मिलन की बेला को मन तरसे,
कि सावन का महिना आया है।
-सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान