shabd-logo

दो अक्तूबर

2 अक्टूबर 2024

13 बार देखा गया 13
आज के दिन (दो अक्तूबर) दो फूल खिले जिससे महका हिंदुस्तान 
article-image

यूं तो कैलेंडर में 12 महीने होते हैं और डेट महीना तारीख हर रोज बदलती रहती है लेकिन इन महीनों में भी कुछ दिन ऐसे होते हैं जो उस तारीख दिन और महीने को खा़स बनाते हैं ।

ऐसे ही महीनों में एक महीना है, अक्टूबर और तारीख़ है दो ।

जी हां 2 अक्टूबर!  यह दिन इसलिए ख़स है ,क्योंकि इस दिन भारत को दो,दो अनमोल रतन प्राप्त हुए थे! हमारे प्यारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और हमारे देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी! जिन्होंने इस दिन जन्म लेकर भारत को गौरवान्वित किया।

पहले बात करती हूं शास्त्री जी की :-

दृढ़ निश्चय सादा जीवन और उच्च विचार शास्त्री जी के जीवन का मूल मंत्र था शास्त्री जी ने देश को जय जवान और जय किसान का बेहतरीन नारा दिया था जो आज के परिवेश में भी बहुत अधिक सार्थक है।

शास्त्री जी का व्यक्तित्व बहुत अधिक प्रभावशाली था उनके व्यक्तित्व से प्रभावित होकर बहुत से लोग उनके दिखाएं रास्ते का अनुसरण आज भी करते हैं और दुनिया में अपनी सादगी का लोहा मनवाते है। वह प्रत्येक भारतीय के मन में सदा विराजमान रहेंगे इस लेख के द्वारा मैं उनको श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

अब बात करते हैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की, गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर को गुजरात के पोरबंदर नामक इलाके में हुआ था ।

गांधी जी बच्चों को बहुत ज़्यादा प्यार करते थे और बच्चे भी गांधी जी को प्यार से बापू कहा करते थे ।बापूजी एक ऐसी महान शख्सियत थे , जिनका नाम  हर एक व्यक्ति बहुत अधिक प्यार, आदर और सम्मान से  लेता है देश की आज़दी में बापूजी का बहुत बड़ा योगदान है , उन्हीं के त्याग और बलिदान के कारण आज हम स्वतंत्रता का सुख भोग रहे हैं ।

बापूजी ने हमारे देश को दो बहुत ही शक्तिशाली शस्त्र प्रदान किए हैं ,जिनका नाम है सत्य और अहिंसा। बापूजी ने सदैव सत्य और अहिंसा की शिक्षा दी है ।
बापूजी का प्रिय भजन था:-

रघुपति राघव राजा राम ,
पतित ते पावन सीताराम!

जगह-जगह बापूजी का संदेश पहुंचाने के लिए आपने गांधी जी के तीन बंदरों के नाम से स्टैचू लगे देखे होंगे, गांधी जी का संदेश था :-

 🙈 बुरा मत देखो
 🙊बुरा मत बोलो 
🙉  और बुरा मत सुनो

गांधी जी ने हमेशा देश में शांति का संदेश फैलाया वह खून ख़राबे का विरोध करते थे, उनका मानना था, प्यार में वह शक्ति होती है जो हर बड़ी से बड़ी शक्ति को अपने सामने झुका सकती है।

बापूजी के विषय में बहुत से गीत लिखे गए हैं एक प्रमुख गीत जो आप लोग भी बचपन से सुनते आए होंगे, मेरी ही तरहां ,  आपके समक्ष प्रस्तुत है :-

दे दी हमें आज़दी बिना खड़क बिना ढाल
 साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल ,
आंधी में भी जलती रही बापू तेरी मशाल ,
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल !

बापूजी के व्यक्तित्व के बारे में जितना भी कहा जाए कम है और उनकी लोकप्रियता के विषय में जितना भी लिखा जाए अपर्याप्त है। वास्तव में....

जब बापूजी का जन्म हुआ था
 तब सारी दुनिया ख़ुश हो गई थी
 जब बापूजी के गोली लगी थी ,
तब सारी दुनिया आहें  भरने लगी थी!

और हर किसी के ज़बान से जो शब्द निकल रहा था वह इस प्रकार के भाव लिए
फिज़ा में गूंज रहा था.....

बापू हमारे चांद सितारे
 छोड़ चले हमें किसके सहारे!

मरते समय बापूजी के अंतिम शब्द थे :- हे राम ! हे राम ! 
जो आज भी उनकी समाधि पर अंकित हैं ।

वास्तव में बापूजी और शास्त्री के जाने से कभी ना पूर्ण होने वाली जगह सदैव बनी रहेगी...
अंत में जिसके जन्म ने इस दिन और महीने को ख़ास बनाया है उनको श्रद्धांजलि स्वरुप बचपन से पढ़ती और सुनती आई  यह पंक्तियां समर्पित करती हूं....

हम सबके थे प्यारे बापू,
 सारे जग से नारे बापू ,
कभी ना हिम्मत हारे बापू ,
ताकत के थे पुतले बापू,

आज के दिन दो फूल खिले जिससे महका हिंदुस्तान ....

जय जवान जय किसान 

मौलिक रचना
 सय्यदा खा़तून ✍🏼

 



ओंकार नाथ त्रिपाठी

ओंकार नाथ त्रिपाठी

सुन्दर प्रस्तुति

3 अक्टूबर 2024

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

3 अक्टूबर 2024

बहुत बहुत धन्यवाद सर 🙏

4
रचनाएँ
मन की बात
0.0
दिल में उठते हुए तूफ़ान को शब्दों में पिरोने की भरसक कोशिश पुराने फिल्मी गीतोंके सहारे अपनी बात आप तक पहुंचाने का प्रयास जिसके लिए मैं गीतकार, संगीतकार उससे जुड़े हुए प्रत्येक व्यक्ति का मैं आभार व्यक्त करतीं हूं।
1

झूठी मुस्कान

12 सितम्बर 2024
7
3
3

मुस्कुराउं भी अगर! तो भीग जाती है नज़र ! अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी की दिल टूट गया वह तेरे प्यार का गम एक बहाना था सनम।🫡😜 जी नहीं गलत समझा आपने ! 😠 यह गाना बिल्कुल मुझ पर सूट नहीं करता क्योंकि जब मै

2

हिंदी दिवस

13 सितम्बर 2024
3
2
2

हिंदी हमारी भाषा प्यारीजन-जन की ज़ुबान हैगर्व है इस पर हमकोहोता बहुत अभिमान है‌।हिंदी हमारी भाषा प्यारीजन-जन की ज़ुबान है,,,,सरकारी सारे राजकाज ,होते हैं इस भाषा में,हर कोई जाने समझेऐसी यह ज़ुबान है‌ह

3

दो अक्तूबर

2 अक्टूबर 2024
4
1
2

आज के दिन (दो अक्तूबर) दो फूल खिले जिससे महका हिंदुस्तान यूं तो कैलेंडर में 12 महीने होते हैं और डेट महीना तारीख हर रोज बदलती रहती है लेकिन इन महीनों में भी कुछ दिन ऐसे होते हैं जो उस तारीख दिन औ

4

संगगनी हूं मैं तेरी

21 अक्टूबर 2024
2
1
0

मेरी रुह में तू है अब बसा हुआ मेरी आंखों में तू है समाया हुआतुझे देख देख मैं जिया करूंतेरे साथ ही बस मैं रहा करुं!तेरी आंखें हों मेरा आईनाउसी में देख देख मैं सजा करुं!मुझे यक़ीन तुझ पे इस

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए