मेरी रुह में तू है अब बसा हुआ
मेरी आंखों में तू है समाया हुआ
तुझे देख देख मैं जिया करूं
तेरे साथ ही बस मैं रहा करुं!
तेरी आंखें हों मेरा आईना
उसी में देख देख मैं सजा करुं!
मुझे यक़ीन तुझ पे इस क़दर
तू चाहेगा मुझको उम्र भर!
तेरे प्यार में खुद को भुला के मैं
तुझे में ही ख़ुद को देखा करुं !
मुझे जहां से कोई शिकवा नहीं
दुश्मनों की मुझपे कमी नहीं!
तू साथ है अगर मेरे हमसफ़र
कोई कुछ भी कहे सब हैं बे असर!
रख कर व्रत मैं,आज मांगू , दुआ,
ख़ुदा सलामत रहे , मेरा हमनवा!
संगगनी हूं , मैं तेरी,तू है, मेरा पिया!
ऐ मेरे हमनवा... ऐ मेरे हमनवा !!!
तुझे देख देख मैं जिया करुं
तेरे साथ ही बस मैं रहा करुं!
मेरे हमनवा ...ऐ मेरे हमनवा...
🤲 ♥️♥️
मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍️
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