ओला बौछार काले घने बादल जब अपनी जवानी मे आते हैं आसमान मे।जमीन मे मोर पपीहा खूब इतराते हैं, नृत्य करते हैं आसमान को निहार कर, कल वह भी बौरा गए ओला वृष्टि को देख कर। कल शहरी लोग पहले खूब इतराए ओलो को देख कर फिर पछते सड़क मे जब निकले ऑफिस से कार पर। किसान खुश था पानी की धार को देखकर वह भी पछताया गेंहू