मैं शंकर सुमन मधेपुरा बिहार भारत
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जन्म लिया इंसानों में बांट दिया इंसानों ने कहां है भगवान नहीं पहचान इंसानों में छक्का है इंसानों में  
मैं पाबंद समय का ,टिक टिकिया पत्नी मैं चाहता समय पर ,वह कहती अभी करीक्या करूं समायोजन करना पड़ता है सुबह का काम दोपहर तक चलता है #शंकरसुमन