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मैं पाबंद समय का ,टिक टिकिया पत्नी मैं चाहता समय पर ,वह कहती अभी करीक्या करूं समायोजन करना पड़ता है सुबह का काम दोपहर तक चलता है #शंकरसुमन
जन्म लिया इंसानों में बांट दिया इंसानों ने कहां है भगवान नहीं पहचान इंसानों में छक्का है इंसानों में