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शायरी

20 अगस्त 2022

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मैं पाबंद समय का ,टिक  टिकिया पत्नी 
मैं चाहता समय पर ,वह कहती अभी करी
क्या करूं समायोजन करना पड़ता है 
सुबह का काम  दोपहर तक चलता है
   #शंकरसुमन

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