राष्ट्रभाषा की जीवंतता के प्रति समर्पित एवं प्रतिबद्ध
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यूँ तो निरंतर प्रवाहित होती विचार सरिता है किन्तु जो आपके अंतर को भिगो जाये वही कविता है ।......
https://diwyansh.wordpress.com/2015/06/26/%e0%a4%b8%e0%a4%ae%e0%a4%af-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a5/