3 दोस्त
1 शिक्षक
2 पुलिस वाला
3 सरकारी बाबू
पहला पार्ट
पुलिसवाले की एंट्री के साथ पीछे से हुड हुड दबंग वाला गण बैकग्राउंड में बजेगा, एंट्री के साथ ही पुलिसवाला कहता है बहुत दिनों से किसी से कुछ झडा नहीं है, आज कोई बकरा ढूंढता हूँ , तभी उसकी नजर एक सोये आदमी पर पड़ती है और वो सोचता है की चलो आज इसी को काटता हूँ. वो आदमी केजरीवाल के गेट उप में है.
पुलिसवाला - अरे कही ये केजरीवाल तो नहीं, मफलर भी है, शर्ट भी बड़ी डाली है और खास भी रहा है. लेकिन हर खस्ने वाला थोड़े ह केजरीवाल हो सकता है.
पु - ऐ ये क्या बाप की जगह है जो सो रहा है, चल उठ यहाँ से.
आ - साहब में सो नहीं रहा बस कमर सीधी कर रहा हूँ
पु - अच्छा चल थाने वह तेरी कमर सीधी करता हूँ . क्या कर रहा है नैनीताल में , कही हड़ताल का प्लान तो नहीं. चल थाने चल .
आ - साहब छोड़ दो , गलती हो गयी में यहाँ का नहीं हूँ. मुझे नहीं पता की यहाँ नहीं सोना है.
पु - चल साले 2,000 निकल नहीं तो चल थाने
आ - साहब गरीब आदमी हूँ, छोड़ दो
पु - जल्दी कर नहीं तो बाद मे थाने में बंद कर दूंगा.
आदमी मरे मन से 2000 रु दे देता है और चला जाता है.
पार्ट 2
सरकारी बाबू आता है ऑफिस में
आ - साहब मुझे लाइट का कनेक्शन दे दो, 2 हफ्ते से चक्कर लगा रहा हूँ
सरकारी बाबू फाइल देखता है और
सा - यार पहले इस्पे कुछ वजन तो धर दे रे
आ - परेशां और बहार जाकर एक पत्थर रख कर देता है
सा - सेल ज्यादा होशियारी मरता है, चल भाग यहाँ से,
आ - बाबू जी आपने हहि तो बोल था, की वजन धर, मैंने तो वाही किया
सा- अबे 1700 शताब्दी के नमूने, मेरा मतलब है पैसा रख पुरे 10,000 रु. तब तेरा काम होगा फटाफट
आदमी गिड़गिड़ाता है पर उसे 10,000 रु देने ही पड़ते है. आदमी गाली देता हुआ चला जाता है.
पार्ट 3
सरकारी बाबू को रस्ते में पुलिसवाला मिल जाता है, और दोनों गले मिलते है की इतने मैं शिक्षक भी मिल जाता है जो की बच्चों को पड़ा के घर जा रहा होता है
दोनों - और गुरु जी क्या हाल है? कैसे हो? कैसा चल रहा है
पु - यार शिक्षक को तो बहुत पढाई करनी पड़ती है .
सा - किसने बोल, कुछ नहीं करनी पड़ती वो तो दिन भर सवाल पूछते है, उनको खुद कुछ पता नहीं होता.
शी - भाई मजाक छोड़ो , क्या बतउ भाई बुरा हाल है, तन्खा भी ज्यादा नहीं है, और घर भी देखना है . समझ मैं नहीं आता क्या करू.
दोनों - अबे तो टूशन पढ़ा न, और पैसे कमा
शी - नहीं यार मैे ऐसा नहीं करूँगा, मेरा काम पढना है, पढाई को बेचने नहीं है .
दोनों - तो क्या करेगा
शी - सोचता हूँ दुबई चला जाऊ, अपने वाहा पर एसोसिएशन है.
सा. - हा सच कहा में भी सोच रहा हूँ , दुबई जाकर एसोसिएशन में शामिल होने का. वो लोग कुछ न कुछ तो बन ही देंगे.
पु. - हा हा हा , बाना देंगे तुझे बेवकूफ बना देंगे, लास्ट टाइम बेवकूफ ही बनाया था न, जब तुमने कलियुग का श्रवण किया था, तुम लोगो को दूसरा मिला था न, और लेडीज को तो वो भी नहीं दिया था ग्रुप डांस में, याद है की नहीं.
सा - यार अब तो मेरी ये दशा आ गयी है की मुझे हरिद्वार टूरिस्म के लिए प्रमोशनल अड़. लिखने पद रहे है.
प. व् शी - तो कुछ लिखा की नहीं , कुछ लिखा है तो सुना जरा.
सा - लिखा है ना, वो ऐसा है की
" इस से पहले की कोई आपको लाये मटकी या जार में
कुछ दिन तो गुजरिये जिन्दा हरिद्वार में".
ये सुनकर दोनों सर पे हाथ मरते है, और तारीफ करते है.
सा - बस करो, चलो हम लोग, मसूरी चलते है, घूमने फिरने के लिए. मुझे विज्ञापन लिखने के लिए थोड़ा चेंज चाहिए माहौल में.
पु - आईडिया अच्छा है.
शी - तुम जाओ, में नहीं आऊंगा, मेरे पास पैसे नहीं है.
दोनों - यार क्या रोटा है, कोई बात नहीं, हम खर्च करेंगे बाद मे दे देना खाते - पिते
और सब तैयार हो जाते है.
पार्ट 4
कोई गाना बजेगा बैकग्राउंड में और तीनो नाचते हुए स्टेज क्रॉस करेंगे
तीनो - अरे बाप रे, कैसी जगह है, कितना बड़ा शहर है. थोड़ा ध्यान दो समान पर.
सब बस से उतर जाते है .
पु और सा - कुछ लेने के लिए चले जाते है, और शी सामान देखने के लिए वाही रुक जाता है.
इतने में एक चोर आता है और शी से पता पूछता है और दूसरा उनका सारा सामान लेके भाग जाता है शी उसका पीछा करते है लेकिन कोई फायदा नहीं होता.
शाम हो जाती है
सा - थक गया कभी इतना नहीं चला में
पु -हा यार, चलो में किसी को धारता हूँ, तुम हाई रुको.
पुलिसवाला थोड़ा आगे जाता है और वो चोर और 2 लोग मिल जाते है.
पु (रौब के साथ) - सुनो, मेरा नाम पण्डे है चुलबुल पण्डे, मुझसे ज्यादा होशियारी नहीं
और ये कहके वो चोर को पकड़ने जाता है की, उसको पहला आदमी पहचान लेता है और बोलता है,
आ - अरे यही है, मेरा पैसा खाया था इसने नैनीताल मैं, मरो साले को और पुलिसवाले की पिटाई हो जाती है
पुलिसवाला मर खाके वापस आता है, और कहता है की वह पर कुछ गुंडे, एक लड़की को छेड़ रहे थे, तो मैंने उसको बचाया अपनी जान पे खेलकर
सा - वो तो ठीक है, कुछ जुगाड़ हुआ ,
पु - में थक गया मेरी हिम्मत नहीं है, तू ही जा
सा - तुम पुलिसवाले भी न कामचोर ही हो, देख में जाता हूँ
पु - जा जा , जरा पनि भी ले आना
सरकारी बाबू थोड़ा आगे जाता है और वो चोर और 2 लोग उसे भी मिल जाते है, जो वह पर ही बैठे है
सा (रौब के साथ) - सुनो, जानते हो मैं कौन हूँ ? तुम्हारी बिजली बंद करवा दूंगा, बिजली विभाग में हूँ समझा. मुझसे ज्यादा होशियारी नहीं. चलो हमारा सामान वापस कर
और ये कहके वो चोर को पकड़ने जाता है की, उसको दूसरा आदमी पहचान लेता है और बोलता है,
आ - अरे यही है, मेरा पैसा खाया था इसने नैनीताल मैं, मेरे बिजली के कनेक्शन के लिए. मारो साले को और सरकारी बाबू की पिटाई हो जाती है
सरकारी बाबू मार खाके वापस आता है, और कहता है की वह पर कुछ गुंडे, एक लड़की को छेड़ रहे थे, तो मैंने उसको बचाया अपनी जान पे खेलकर
शी - वो तो ठीक है, कुछ जुगाड़ हुआ ,
सा - में थक गया मेरी हिम्मत नहीं है, तू ही जा
शी - ठीक है में जाता हूँ
दोनों - जा जा , जरा पनि भी ले आना
शिक्षक थोड़ा आगे जाता है और वो चोर और 2 लोग उसे भी मिल जाते है, जो वह पर ही बैठे है
शिक्षक (विनम्र हो कर ) - भाई सुनो, तुमने शायद गलती से हमारा सामान ले लिया है, ये हमारा सामान है.
चोर - एक बार मेरे हाथ में आ गया तो मेरा है, तुम क्या उन पुलिसवाले और उस बाबू के दोस्त हो
शी - हां भाई मैं उनके साथ ही हूँ, हम घूमने आये थे और अब हमारे पास पैसे भी नहीं बछे
चोर - सला होशियारी मरता है, अरे सुनो ये भी उनका दोस्त है मरो साले को
ये बोलकर वो उसका कॉलर पकड़ता है.
इतने मैं ये आवाज सुनकर, एक डॉक्टर आती है और उनके पास रुक जाती है.
शिक्षक को पहचाने के बाद, वो डॉक्टर कहती है
डॉक्टर - ख़बरदार अगर किसी ने इनको हाथ लगाया तो, मेरे गुरु जी है ये.
गुंडे - माधो, त बिच में मत आ गुरु जी है तो बहुत कमाता होगा टूशन से
ल - ये वैसे नहीं है, ये तो न जाने कितने लोगो को फ्री में पढ़ते है, इनको तो पूरा नैनीताल जनता है
गुंडे कॉलर छोड़ देते है
डॉ - ये चाहते तो कितने ही पैसे कमा सकते है, लेकिन समाज की भलाई के लिए ये आज भी छुट्टी के दिन गांव गांव जाकर पढते है . अगर किसी ने हाथ नहीं लगाया तो में छोडूंगी नहीं
गुंडे - हमें माफ़ कर दो गुरूजी,
दोनों चोर - गुरूजी, ये लो आपका पूरा सामान,
लड़का - गुरु जी चलिए मेरे घर पे चलिए
शी - में अकेला नहीं हूँ, मेरे साथ, मेरे दोस्त भी है
ल - कोई बात नहीं गुरूजी, चलिए आप सब मेरे घर पे रहेंगे यहाँ देहरादून में
लड़का, गुरु जी और वो चोर और गुंडे, सब आते है साथ में तो वो दोनो दर जाते है,
दोनों - अरे क्या हुआ, फिर से मरने तो नहीं आ गए ये लोग हमको.
दोनों भागने लगते है, और पीछे से सब आवाज देकर उनको रोक लेते