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स्त्री 🖤

20 सितम्बर 2022

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एक स्त्री जब किसी को अपना समझती है तो अपने दिल की हार बात उसे बता देती हैं, दुख भी सुख भी, उसके सामने रो देती हैं, आसू बहा देती है, जी भरकर झगड़ा कर लेती है, नाराज हो जाती है,लेकिन जब वो देखती है कि सामने वाला उसके आसुओं की, उसके बातो की, उसके झगड़े की कोई वैल्यू ही नही दे रहा है, उसे कोई फ़र्क नही पड़ रहा है,तो वो अंदर से टूट जाती है,फिर वो चुप हो जाती हैं, सारी शिकायते छोड़ देती है, एकदम शांत खुद में खोई हुई सी रहती है,और साथी पुरुष को लगता है सब ठीक है नार्मल है, पुरुष साथी ये समझ ही नही पाते कि वो स्त्री जिसको उसने दुख दर्द दिया इग्नोर किया है, वो अब अंदर से बिखर चुकी है, टूट चुकी है, उसमे प्यार का अब कोई ऐहसास नही रहा, वो शून्य हो गई है,गला घोट दिया उस स्त्री ने अपनी भावनाओं का, अब वो स्त्री तुम्हारी होकर भी तुम्हारी नही है, इसलिए किसी को दर्द की ठोकरें इतनी ना मारो कि वो इंसान प्रेम की मूरत बनने की बजाय सिर्फ पत्थर बन के रह जाएं|


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