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सुहाग

12 नवम्बर 2021

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लघु कथा - सुहाग

रास्ते में एक व्यक्ति जा रहा था।उसे एक अभागिन महिला मिली।चेहरा काफी उदास थी।भाव भंगिमा से ही पता चल रहा था कि वह काफी दुखी थी।फिर उसने पूछा कौन हो क्यों उदास बैठी हो उस महिला ने अपनी सारी व्यथा उन व्यक्ति को सुनायी मेरा हंसता खेलता परिवार थी।मेरे एक बेटा और एक बेटी थी।हम लोग बहुत खुश थे।मेरे पति अर्थात  मेरे सुहाग एक कंपनी में काम करते थे।उसके वेतन से सारा घर का खर्चा चलता था।एक दिन मेरे सुहाग पर किसी की बुरी नजर लग गई।वह गलत संगति में आकर दोस्तों के साथ नशे जुआ तथा कोठे में जाने की लत लग गया।फिर क्या उस दिन से घर पूरा बिखर गई।बेटा घर छोड़कर भाग गया।बेटी दूसरे के साथ चली गई।मैं परिवार में केवल अकेली बची। परिवार के बिना जीना बेकार है कहके वो सोच सोच के यहां रो रही थी।अंत में मुझे एक ही रास्ता मिली कि मुझे इस संसार को छोड़कर चली जाऊंगी इसी सोच में बैठी हूँ। उसकी कहानी सुनकर उस सज्जन ने उसे हौसला दिया और समझाया नारी अबला नहीं रही।अब जमाना बदल गया है।अब तो रानी लक्ष्मीबाई दुर्गावती का अवतार लो।संघर्षकर आगे बढ़ो।और इस संसार को दिखा दो नारी किसी से कम नहीं है।नारी को इस बात से जीने की एक चमक दिखाई दी और संघर्ष की आगे बढ़ी और इतना आगे बढ़ी।जो टीवी में आने लगी।लोग सब जाने लगे।उसके नाम से लोग जानते थे।फिर समाचार टीवी के माध्यम से उसके पति सुहाग बेटा बेटी सभी उनके पास आ गए ।सब मिल गए।सब एक साथ मिलकर खुशी से जीवन बिताने लगे।
                 ★★★★★★★★★★★

लेखक - डिजेन्द्र कुर्रे (शिक्षक)
मिडिल स्कूल पुरुषोत्तमपुर
 बसना, महासमुंद (छ.ग.)

डिजेन्द्र कुर्रे"कोहिनूर" की अन्य किताबें

7 दिसम्बर 2021

Pragya pandey

Pragya pandey

Very nice 👌👌

13 नवम्बर 2021

डिजेन्द्र कुर्रे"कोहिनूर"

डिजेन्द्र कुर्रे"कोहिनूर"

सुहाग को जरूर पढ़ें

12 नवम्बर 2021

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रचनाएँ
डिजेन्द्र कुर्रे की डायरी
5.0
परिचय डिजेन्द्र कुर्रे का निवास पीपरभौना बलौदाबाजार छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है ।साहित्यिक उपनाम "कोहिनूर" है ।इनकी जन्म तिथि 5 सितंबर 1984 एवं जन्म स्थान भटगांव छत्तीसगढ़ है ।डिजेन्द्र कुर्रे की शिक्षा बीएससी( बायो ),एम. ए .संस्कृत, समाजशास्त्र, हिंदी साहित्य है ।आपका कार्यक्षेत्र बतौर शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं ।आपकी लेखन विधा कविता, हायकू,कहानी ,मुक्तक ,गजल ,गीत आदि है। आपका कार्य कार्य क्षेत्र शिक्षण रहा है ।सामाजिक गतिविधियों के अंतर्गत योग कराटे एवं कई साहित्यिक संस्थाओं में भी पद पदाधिकारी हैं । डिजेन्द्र कुर्रे जी के कोहिनूर की आभा काव्य संग्रह, सोनहा बिहान,संस्कार सरोवर के अलावा कई साझा संग्रह में रचना प्रकाशित है।साथ ही साथ साइंस वाणी पत्रिका एवं कई पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचना प्रकाशित है। विशेष उपलब्धि में छत्तीसगढ़ गौरव अवार्ड गृह मंत्री के हाथ सम्मानित होने सौभाग्य मिला है।इसके अलावा मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण अवार्ड शिक्षा के क्षेत्र उत्कृष्ट योगदान हेतु मिला है।राष्ट्रीय कवि चौपाल कोटा राजस्थान में प्रथम ,द्वितीय स्थान रहा।कला कौशल साहित्य संगम में साहित्य श्री सम्मान से नवाजा गया है।इसके अलावा विचार सृजन सम्मान,अम्बेडकर शिक्षा क्रांति अवार्ड,उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान एवं कई मंचो से सम्मानित किए गए। डिजेन्द्र कुर्रे जी के लेखन का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली कुरीतियां, आडंबर, गरीबी, नशा पान, अशिक्षा आदि से रूबरू कराकर समाज को जागृत करना है।
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