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खगवृन्द

12 नवम्बर 2021

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गीत - करलव खगवृन्दों का
~~~~~~~~~~~~~~
नील गगन की छटा निराली,
ज्यों खुशियों का सावन है।
करलव करते खगवृन्दों का,
दृश्य बहुत मनभावन है।
         //1//
द्वेष कपट के कलुष भाव से,
दूर सदा ही रहते है।
लोभ त्यागकर ये पंछी नित,
प्रीति धार में बहते है।
संचय करने की कर्मो को,
कभी नहीं अपनाते है।
भूख लगे जब तब उड़ते है,
जो मिलता वह खाते हैं।
इन जीवों की यही रीति ही,
सबसे बड़ा सिखावन है।
करलव करते खगवृन्दों का,
दृश्य बहुत मनभावन है।
          //2//
अपने बच्चों के पालन में,
निज कर्तव्य निभाते है।
चुगने से लड़ने तक जग की,
सर्व कला सिखलाते है।
नहीं सुखों की लालच इनको,
नहीं महल की चाह इन्हें।
जीवन में हर पल सुख देता,
सरल सहज शुचि राह इन्हें।
मानव के कर्मो से बढ़कर,
कर्म खगों के पावन है।
करलव करते खगवृन्दों के,
दृश्य बहुत मनभावन है।
           //3//
जाने नियत में विधना ने,
खोट बहुत क्यों पाल रखे।
सीधे साधे इन चिड़ियों पर,
व्याध जाल क्यों डाल रखे।
संचारों के खंभों से भी,
ये खग नित ही मरते है।
फिर भी मानव निज कर्मो से,
कब क्यों कहाँ सुधरते है।
पापी दुष्टों के मन में,
यह बात कहाँ उद्भावन है।
करलव करते खगवृन्दों का,
दृश्य बहुत मनभावन है।
★★★★★★★★★★★
स्वरचित©®
डिजेन्द्र कुर्रे"कोहिनूर"✍️
छत्तीसगढ़(भारत)

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बोले तो एक दम झकास

22 नवम्बर 2021

Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत बहुत सुंदर कविता है आपकी 👌👌🙏🙏

13 नवम्बर 2021

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रचनाएँ
डिजेन्द्र कुर्रे की डायरी
5.0
परिचय डिजेन्द्र कुर्रे का निवास पीपरभौना बलौदाबाजार छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित है ।साहित्यिक उपनाम "कोहिनूर" है ।इनकी जन्म तिथि 5 सितंबर 1984 एवं जन्म स्थान भटगांव छत्तीसगढ़ है ।डिजेन्द्र कुर्रे की शिक्षा बीएससी( बायो ),एम. ए .संस्कृत, समाजशास्त्र, हिंदी साहित्य है ।आपका कार्यक्षेत्र बतौर शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं ।आपकी लेखन विधा कविता, हायकू,कहानी ,मुक्तक ,गजल ,गीत आदि है। आपका कार्य कार्य क्षेत्र शिक्षण रहा है ।सामाजिक गतिविधियों के अंतर्गत योग कराटे एवं कई साहित्यिक संस्थाओं में भी पद पदाधिकारी हैं । डिजेन्द्र कुर्रे जी के कोहिनूर की आभा काव्य संग्रह, सोनहा बिहान,संस्कार सरोवर के अलावा कई साझा संग्रह में रचना प्रकाशित है।साथ ही साथ साइंस वाणी पत्रिका एवं कई पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचना प्रकाशित है। विशेष उपलब्धि में छत्तीसगढ़ गौरव अवार्ड गृह मंत्री के हाथ सम्मानित होने सौभाग्य मिला है।इसके अलावा मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण अवार्ड शिक्षा के क्षेत्र उत्कृष्ट योगदान हेतु मिला है।राष्ट्रीय कवि चौपाल कोटा राजस्थान में प्रथम ,द्वितीय स्थान रहा।कला कौशल साहित्य संगम में साहित्य श्री सम्मान से नवाजा गया है।इसके अलावा विचार सृजन सम्मान,अम्बेडकर शिक्षा क्रांति अवार्ड,उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान एवं कई मंचो से सम्मानित किए गए। डिजेन्द्र कुर्रे जी के लेखन का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली कुरीतियां, आडंबर, गरीबी, नशा पान, अशिक्षा आदि से रूबरू कराकर समाज को जागृत करना है।
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