जीवनी
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इतना आसान नहीं है मुझे पढ़ना, मैं गमों में भी मुस्कुरा के जीता हूं !!!भीड़ में चलने का शौक नहीं मुझे,मैं अपना रास्ता खुद चुनता हूं !!!कौन, कब कैसे बदल गया?उसका में पूरा हिसाब रखता हूं!!!कभी डरा या घबर
बेटियां नसीब से तोबेटे दुआओं के बाद आते हैं, अजी हम लड़के है जनाबहम कुछ जिम्मेदारियो के साथ आते है।आधी उम्र जिम्मेदारियांसमझने में गुजर जाती हैतो आधी उसे निभाने में,पूरा बचपन किताबो मेंगुजर जाता है तो