बेटियां नसीब से तो
बेटे दुआओं के बाद आते हैं, अजी हम लड़के है जनाब
हम कुछ जिम्मेदारियो के साथ आते है।
आधी उम्र जिम्मेदारियां
समझने में गुजर जाती है
तो आधी उसे निभाने में,
पूरा बचपन किताबो में
गुजर जाता है तो
जवानी कमाने में।
ये जिम्मेदारियां
उम्र के साथ बढ़ती हैं
ये बुढ़ापे में भी कम नहीं होती
अजी कौन कहता है जनाब हम लड़को की जिंदगी में
गम नही होता।