इतना आसान नहीं है मुझे पढ़ना,
मैं गमों में भी मुस्कुरा के जीता हूं !!!
भीड़ में चलने का शौक नहीं मुझे,
मैं अपना रास्ता खुद चुनता हूं !!!
कौन, कब कैसे बदल गया?
उसका में पूरा हिसाब रखता हूं!!!
कभी डरा या घबराया नहीं किसी मोड़ पे,
मैं जान हथेली पे रख के जीता हूं !!!!