shabd-logo

सुनो प्रिय

12 नवम्बर 2022

12 बार देखा गया 12

सुनो प्रिय

यह जो तुम्हारा मेरा प्रेम है
यह कागजों तक सीमित नहीं
पुष्पों के सुगंध से भी परिभाषित नहीं


यह जो तुम्हारा समर्पण है
प्रशंसा इसके तुल्य नहीं
इसमें ना तो हार इसमें जीत नहीं

मैं तुमसे भौतिक रूप से ही दूर हूं
पर हृदय से करीब कहीं
पा लेना प्रतिक्षण मुझे खो ना जाऊं कहीं

बिंदेश कुमार झा

Bindesh Kumar Jha की अन्य किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए