,,तोहफा,,
,, तकदीर में होता है तोहफा तब ,,
,, तुच्छ समझकर उसे छोड़ते हैं,,हम,,
,, कहीं वो भुल से समीप आ जाएं,,
,, तो देख कर मुंह मरोड़ ते हैं,,हम,,
,, फिर दुनिया की देखा देखी मैं ,,
,, खबर यह भी नहीं होती खुद को ,,
,, कि कभी ना हाथ लगने वाली ,,
,, मोहब्बत के पीछे दौड़ते हैं हम ,,
,, हिंदम् ,,