सुनो तुम लड़की हो.....
सुकून से जीने नही देंगे हम तुम्हें क्योंकि तुम लड़की हो
पैदा होने पर जन्मदिन नही मनाया जाएगा क्योंकि तुम लड़की हो...
पैरो में पायल और हाथो में कड़े पहनो क्योंकि तुम लड़की हो....
कपड़ो में फ्रॉक ही पहनो क्योंकि तुम लड़की हो..
घर के अंदर गुड़िया से खेलो क्योंकि तुम लड़की हो..
बाहर के बैट बॉल ना खेलो और न सोचो क्योंकि तुम लड़की हो...
अब बड़ी हो रही काम करना सीखो क्योंकि तुम लड़की हो...
शूट सलवार दुपट्टा ही पहनो क्योंकि तुम लड़की हो...
नज़रे झुका कर ही रखो क्योंकि तुम लड़की हो
कम बोलो क्योंकि तुम लड़की हो
खाना कम खाओ, मोटी होने पर परेशानी होगी क्योंकि तुम लड़की हो...
घर में जिद ना करो क्योंकि तुम लड़की हो...
स्कूल कॉलेज ना जाओ क्योंकि तुम लड़की हो...
अब बड़ी हो गई शादी करो क्योंकि तुम लड़की हो...
चुप चाप दूसरे घर अर्थात् ससुराल जाओ क्योंकि तुम लड़की हो....
थोड़ा शरमाओ क्योंकि तुम लड़की हो....
सुनो!!!
हम ठहरे समाज या कहे पुरुष वादी समाज
शुकुन से जीने नही देंगे तुम्हे क्योंकि तुम लड़की हो
तुम्हारा ठीका हमने लिखा रखा है , क्योंकि तुम लड़की हो
शुकून से जीने नही देंगे क्योंकि तुम लड़की हो.....