तुम्हारी चाहत में हम इतना मशरूफ हो गए
की जवानी नींद भी अपनी तुम्हारे नाम कर बैठे ,
जब जब कलम उठाई कुछ लिखने को स्याही भी तेरा नाम लिख बैठी ,
देखो तुम हम तुम्हरी चाहत में परवाने हो गए ।।
25 सितम्बर 2021
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एक छोटा बीज हूं, आस विशाल वृक्ष बनने की रखता हूं , जमाना पानी डाल के तो देखे , हर साल मीठे फल देने का दम रखता हूं ।। Abhishek Yagnik, born and raised in Sawai Madhopur, a city of Rajasthan. I am a student as well as a postulant writer by passion. I believe in the persuasive way of words through which they tremendously help me to describe my thoughts and unfolding feelings of many hearts and souls.D