यू ही नहीं कहते हम कि,
मेरे इस दिल की आवाज हो तुम,
मेरे इस बेरंग से जीवन में ,
रंगों की खूबसूरत बरसात हो तुम,
बस इतना कहेंगे की
कुछ खास हो तुम ।।1।।
मेरे इन अल्फाजो में छिपे,
हर एक जज्बात का अहसास हो तुम,
घरवाले करते शक जिस हंसी पर,
उसमे छिपा एक खूबसूरत- सा राज हो तुम,
बस इतना कहेंगे कि,
कुछ खास हो तुम ।।2।।
मेरी हर दुआओं में मांगा गया,
एक अनमोल उपहार हो तुम,
बस इतना समझ लो,
मेरे इस जीवन में भगवान का दिया हुआ एक अनमोल वरदान हो तुम,
बस इतना कहेंगे कि,
कुछ खास हो तुम ।।3।।
मेरे इस मन में छिपा,
एक प्यारा - सा भाव हो तुम,
कान्हा - सा मन है तुम्हारा,
मेरी प्रेरणा हो तुम,
बस इतना कहेंगे कि,
कुछ खास हो तुम।।4।।
मेरी इस खामोशी का,
एक अलग - सा अंदाज हो तुम,
फिर भी लगता है कुछ,
क्यों अधूरा - सा मुझे,
इतना समझ कर भी,
बनते अनजान हो तुम,
फिर भी हम कहेंगे कि,
सच में हमारे लिए कुछ खास हो तुम।।5।।