Mai varsha barman mai umaria me rahti hu
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अंकल पापा की शर्मिष्ठा शीत पर किसका किसका नाम होगा , यह सुनकर मैं हैरान सा हो गया क्योंकि ये सवाल बड़ा अजीब सा था उस जगह और मैं सोच में पड़ गया कि अंत्येष्टि में
मैं एक पुराने ख़्यालों में खो गया था अर्थी से उतने वाला धुव्र