Vivek meshram
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कलम-ए-आराध्य
प्रिय पाठक.. किसी के द्वारा लिखी गया कोई लेख, कविता या किताब बस कोई कलम और कागज़ का रिश्ता नहीं होता, यह उस लेखक के मन के आंतरिक परिकल्पनाओ या अपने जीवन में व्यतीत उतार-चढ़ाव, समयानुसार परिस्थितियों में रिश्तो में मतभेदो का एक संग्रहण होता हैं, जो की
कलम-ए-आराध्य
प्रिय पाठक.. किसी के द्वारा लिखी गया कोई लेख, कविता या किताब बस कोई कलम और कागज़ का रिश्ता नहीं होता, यह उस लेखक के मन के आंतरिक परिकल्पनाओ या अपने जीवन में व्यतीत उतार-चढ़ाव, समयानुसार परिस्थितियों में रिश्तो में मतभेदो का एक संग्रहण होता हैं, जो की