विवेक शुक्ला
विवेक शुक्ला साढ़े तीन दशकों से हिन्दी-अंग्रेज़ी में लिख-पढ़ रहे हैं। कई मीडिया संस्थानों में ज़िम्मेदार ओहदों पर रहे। उनकी दिलचस्पी के विषयों में साउथ एशिया, भारत का बंटवारा और बिज़नेस रहे हैं, पर उन्हें दिल्ली के पेड़ों, परिंदों, लोगों, सड़कों, दीवारों वगैरह को जानना और उनके बारे में लिखना सुकून देता है। अब तक दिल्ली के अलग-अलग रंगों पर कम-से-कम ढाई हज़ार से ज्यादा लेख, फ़ीचर और रि- पोर्ट लिख चुके हैं। गांधीजी के दिल्ली से संबंधों पर इनकी किताब 'Gandhi's Delhi April 12, 1915 - January 30, 1948 And Beyond' 2019 में प्रकाशित हुई। क़रीब एक दर्जन देशों की यात्रा कर चुके विवेक शुक्ला नवभारत टाइम्स, बीबीसी, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिन्दुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, दि हिन्दू के लिए लगातार लिखते रहे हैं।
दिल्ली का पहला प्यार कनॉट प्लेस
कनॉट प्लेस से मेरा पहला साक्षात्कार संभवतः 1970 के आसपास हुआ था। मतलब मुझे तब से इसकी यादें हैं। इसके आसपास दशकों तक रहना, पढ़ना, नौकरी करना, घूमना, फ़िल्में देखना वग़ैरह जिंदगी का हिस्सा रहा। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। जब तक जिंदगी है, तब तक कनॉट प
दिल्ली का पहला प्यार कनॉट प्लेस
कनॉट प्लेस से मेरा पहला साक्षात्कार संभवतः 1970 के आसपास हुआ था। मतलब मुझे तब से इसकी यादें हैं। इसके आसपास दशकों तक रहना, पढ़ना, नौकरी करना, घूमना, फ़िल्में देखना वग़ैरह जिंदगी का हिस्सा रहा। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। जब तक जिंदगी है, तब तक कनॉट प