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आवाज़ दिल की

26 अक्टूबर 2021

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कि पतझड़ से सम्भलकर के मैं खुद सावन में आया हूँ!!!

जरा  तुम  झाँक  कर  देखो  तेरे  दिल   में  समाया  हूँ!!!

मुझे   ना   रोग  है   कोई  ना   कोई   अब   दवा  देना,,,

तेरे मधुवन में  आकर  के मैं कुछ  अमृत भी  पाया हूँ!!!
   नवरत्न मिश्रा 
      मुम्बई 

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