ठगी. कहीं भी, कभी भी, कैसे भी हो सकती है आपके साथ. पहले हम सुनते थे कि फलाने बस से जा रहे थे तो बगल वाले यात्री ने उनको कुछ खिला-पिला दिया. फिर फलाने बेहोश हो गए और सामने वाला सामान लेकर चंपत. इसीलिए घर वाले जब भी उनके बच्चे कहीं बाहर घूमने-फिरने जाएं तो एक वैधानिक चेतावन