हिन्दुत्व में स्त्री को देवी के समान माना गया है। देश के विभिन्न हिस्सों में देवी के अलग-अलग रूप पूजे जाते हैं। कहीं वह प्रकृति के रूप में माता है, कहीं पर मानवता की स्रष्टा है, कहीं पर ज्ञान की देवी सरस्वती है तो कहीं पर सम्पदा की देवी लक्ष्मी है। इन अलग-अलग रूप के क्या महत्त्व हैं और उस देवी से जुड़े प्रतीक और कर्मकांडों का क्या मतलब है, इन्हीं सब बातों को समझने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।
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