कृष ने राभ्या को अपने बगल ने लिटा दिया और उसे अपनी बाहों लिए हुए ही सो गया ।
सुबह कृष की आंख खुली तो उसने राभ्या को अपनी बाहों में पाया तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई पर अगले ही पल वो मुस्कान गायब हो गई जब उसे समझ आया कि ये उसका सपना नही सच है,,,। वो एक झटके से उठा जिससे राभ्या की नींद खुल गई ,,,।
तुम यहां क्या कर रही हो ,,,मेरे साथ 😠 कृष ने गुस्से में कहा ।
आप इस वक्त मेरे फ्लैट में हैं मिस्टर चंद्रवंशी,,, राभ्या ने शांति से कहा ।
कृष ने इधर उधर अपनी नज़र घुमाई , तो उसने खुद को राभ्या के फ़्लैट में पाया , कृष ने आगे कुछ नही कहा , बस बैड के आस पास इधर उधर कुछ ढूंढने लगा ,
क्या ढूंढ रहे हैं आप,,, राभ्या ने सवाल किया।
मुझसे ये टिपिकल वाइफ वाले सवाल मत करो ,,, समझ में आया तुम्हे,,,😠 तुम मेरी कोई नही हो और न ही मेरा तुमसे कोई रिश्ता है ,,। कृष ने गुस्से में कहा ।
आप अपने जूते ढूंढ रहे हैं और आपको घर जाना है,, है ना,,, राभ्या ने सवाल किया पर कृष ने कोई जवाब नही दिया वो अपने जूते ढूंढता रहा।
आप ऐसे घर जायेंगे इस हालत में टाइम काफी ज्यादा हो चुका है आपको ऑफिस भी जाना होगा ,,, जाइए वाशरूम में तैयार हो जाइए ,,,आपके कपड़े कबर्ड में रखे हैं,,,।
कृष ने राभ्या को घूरकर देखा ।
राभ्या ने मुस्कुरा कर कहा , ऐसे क्या देख रहे हैं,,सच में आपके कपड़े हैं यहां,,, आपके लिए खरीदे थे पर दे नही पाई ,,, उससे पहले ही आप छोड़कर चले गए मुझे ,,,।
कृष उसकी बात सुन रहा पर ऐसे जैसे वो वहां हो ही न ,उसने बिना राभ्या की तरफ देखे ,,, कबर्ड खोला और कपड़े लेकर वाशरूम की तरफ बढ़ गया।
कुछ देर में वो बाहर आया , राभ्या ने तब तक नाश्ता तैयार कर दिया था , और बिना कुछ कहे टेबल पर रख दिया ,,,। और वाशरूम में अपने कपड़े लेकर चली गई ,
कृष ने चुपचाप नाश्ता कर लिया क्योंकि उसे भूख लग रही थी ,
राभ्या वापस आई तब तक कृष जा चुका था , नाश्ते की खाली प्लेट देख कर उसके फेस पर स्माइल आ गई ,
चलो अच्छा हुआ नाश्ता करके चले गए 😊,,।
राभ्या नाश्ता करके ऑफिस जाने के लिए बाहर आई तो देखा कृष की कार खड़ी थी ,,। तभी राभ्या से उसकी बिल्डिंग का कोई आदमी टकरा गया,,, जिससे कृष का खून खौल गया उसने तुरंत सड़क से राभ्या को अंदर कार में खींच लिया , अगले पल राभ्या कृष की बाहों में थी ,, ।
कृष गुस्से से राभ्या को घूर रहा था ,
मिस्टर चंद्रवंशी,,,, राभ्या थोड़ी सी संकुचाई,,।
कृष ने तुरंत ही उस पर अपनी पकड़ मजबूत की और उसके गले को बेतहाशा चूमने लगा ,,, राभ्या कृष में खो गई थी उसकी आंखे बंद और सांसे भारी हो चुकी थी उसके हाथ कृष के सीने से उसकी पीठ पर होते हुए उसके बालों में पहुंच गए थे , अचानक कृष ने अपनी आंखे खोल ली और राभ्या को एक झटके में खुद से अलग करके , सीट बैल्ट लगा दी ,,,। राभ्या शर्म से अपनी नज़रे नही उठा पा रही थी उसे लग रहा था जैसे कुछ गलत हुआ हो , कृष ने उसकी आंखो में देखते हुए गुस्से से कहा ,
आज के बाद मेरे सिवाय किसी और के आस पास 10 फुट के दायरे में भी दिखाई दी ,,,तो जान से मार दूंगा उसे भी और ,,,तुम्हे भी 😠😠।
हां जान से मार देंगे,,, जिंदगी बरबाद कर देंगे ,,,यही सब आता है ना आपको,,,😠😭 तो मार दीजिए मैं हाज़िर हूं आपके सामने ,,,😭 मार डालिए मुझे ,,, छीन लिजिए मेरी सांसें,,,, जैसे शादी की रात बिस्तर पर अपनी हवस की प्यास बुझा कर मुझे छोड़ कर चले आए थे आप 😭😭 और मार डाला था मुझे जीते जी😭😭,,।
राभ्या की आंखो से आंसू बह रहे थे , कृष ने अपनी नज़रें उस पर से हटा ली थी , उसने कार का स्टेयरिंग कस के पकड़ लिया फिर अगले पल उसने गाड़ी स्टार्ट करके , हाई स्पीड में सड़क पर दौड़ा दी , राभ्या ने पूरे रास्ते न ही कृष की तरफ देखा न ही कुछ बोला ,, कुछ देर में वो दोनो ऑफिस पहुंच गए थे , और ऑफिस जाकर अपना ध्यान काम पर लगा दिया ,,,,,।
दोपहर का वक्त था , कृष अपने कैबिन में बैठा था अपने लैपटॉप में न्यूज़ देख रहा था , एक न्यूज़ देख कर वो बैचेन हो उठा और अपने अतीत में खो गया , अचानक अपने कानो पर हाथ रखकर तेजी से चिल्लाने लगा , नही ,,,, नही ,,, नही ,,,😭
नही हूं मैं देशद्रोही,,😠😠। नही हूं मैं देशद्रोही,,,😠।
उसी वक्त राभ्या भी उसके कैबिन में आई थी किस काम से ,,, पर उसने कृष को ऐसे चिल्लाते देखा तो एक मिनट गेट पर ठहरने के बाद उसने पहले पियोन को भेजकर विशाल को उसके कैबिन से बुलाने के लिए कहा , फिर वो अंदर आई ,, कृष के इस बर्ताव से वो हैरान थी ,
कृष बदहवास सा चीखे जा रहा था , झूठ है ये ,,, झूठ है,, मैं ,,, मैं देश द्रोही नही हूं ,,,।
राभ्या को कुछ समझ नही आ रहा जिस कृषिव चंद्रवंशी के नाम से पूरा देश कांपता है,,, वो कृषिव चंद्रवंशी इतना असहाय इतना कमज़ोर क्यों दिख रहा है ,,,?
विशाल कृष के कैबिन में आया , वो कृष को शांत करने की कोशिश कर रहा था , विशाल ने उसे अपनी बाहों में भर लिया ,,,
शांत हो जा कृष,,, क्या हुआ तुझे ,,,?
मैं,,,, मैं,,, देशद्रोही नही हूं विश ,,,, मैने कोई द्रोह नही किया अपने देश के साथ ,,, कोई गद्दारी नहीं की है मैंने ,,,😭।
हां,,, कृष, नही किया तूने कुछ भी ,, तू देशद्रोही नही है ,,😭 विशाल की आंखे छलक आई ,,।
चीखते चीखते कृष विशाल की बाहों में ही बेसुध हो गया , विशाल ने उसे कैबिन में ही चेयर पर बिठा दिया फिर ड्राइवर को कॉल कर उसे सीधा घर ले गया ,,,। राभ्या भी साथ जाती है ,,,।
चंद्रवंशी कुंज
विशाल सर्वेंट्स की मदद से कृष को उसके रूम में के जाकर लिटा देता है और डॉक्टर को कॉल करके बुलाता है ,। तभी रावी रंश को अपनी गोद में लिए हुए अपने रूम से बाहर आती है ,,, हैरानी से विशाल की ओर देखते हुए कहती है,,,।
क्या हुआ विश,,,, हां ,,,? रावी ने परेशान होते हुए कहा ,,,।
कृष😭😭,, उसे फिर से दौरा पड़ा है,,, उसका अतीत फिर उसे याद आ गया ,,, रावी,,😭।
इधर राभ्या कुछ समझ नही पा रही थी ,,, कि आखिर हो क्या रहा है,,,?
डॉक्टर चंद्रवंशी कुंज पहुंच चुके थे ,,, कृष को देखकर डॉक्टर ने बाहर आकर कहा ,,,।
देखिए ,, स्ट्रेस लेने की वजह से उनकी तबियत खराब हो गई है,,, कोशिश कीजिए वो अपने अतीत को याद न करे वरना ज्यादा स्ट्रेस की वजह से उनकी जान भी जा सकती है। मैने इंजेक्शन दे दिया है उन्हे कल सुबह तक ही होश आएगा । डॉक्टर के जाने के बाद , राभ्या विशाल की तरफ बढ़ी और उसने पूछा ,
विशाल जी क्या हुआ है मिस्टर चंद्रवंशी को,,,😭। राभ्या की आंखों से आंसू बह रहे थे ,,,। क्या हुआ है उनकी पिछली जिंदगी में,,😭।
विशाल ने अपनी आंखों से आंसू साफ करते हुए एक गहरी सांस ली और कहना शुरू किया ,
तुम जानना चाहती हो ,,,, कृष के अतीत के बारे में तो मैं तुम्हे बताऊंगा ,,, आज जो कृष दिखता है,,, ये वो कृष है ही नही ,,, मेरा कृष बहुत अच्छा इंसान है हमेशा दूसरों के बारे में सोचने वाला , सबकी मदद करने वाला कृष था ,,😭 पर एक झटके में वो बदल गया उसके अंदर की इंसानियत मर गई,,,।
आगे जारी है,,,,,,,
राधे राधे दोस्तों 🙏आगे की कहानी नेक्स्ट पार्ट में अगर मुझसे कोई गलती हुई हो तो माफी चाहती हूं आपको कहानी कैसी लग रही है मुझे कॉमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं जैसे आपको कहानी के अगले भाग का इंतजार रहता है वैसे ही मुझे आपके कॉमेंट्स का इंतजार रहता है आपके कॉमेंट्स मुझे और अच्छा लिखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं धन्यवाद 🙏😊
श्रद्धा ' मीरा ' ✍️