दिल से निकले अल्फाजों को एक तस्वीह में पिरोकर भावनाओं से श्रृंगार किया है। कुछएक चिट्ठियां लिखीं है शर्माजी की याद में! उम्मीद है दिल को छूकर मन को सुकून पहुंचाएगी। कविता और नज़्म से कोरे पन्नों को जज्बातों से रंग दिया है उम्मीद है पाठकों को निराश नहीं करेगी। उम्मीद बहुत है और इंसानी फितरत त्रुटियां होगी और शायद करती रहूंगी! तबतक,जबतक कि कोई मुझसे बेहतर अपनी जिम्मेवारियां न उठा ले।