एक अलग ही दुनिया में ले जाने वाली कहानियों का संग्रह है
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दुनिया में भले और बुरे दोनों तरह के ही लोग हैं। कुछ ऐसे ढीठ भी हैं जिन्हें अपनी दुष्टता के लिए कभी भ
हव्रोशेचका बाहर खेत में जाती और अपनी चितकबरी गाय के गले में अपनी दोनों बाहें डाल कर उसे ही अपना दुख
एक आंख वाली लड़की हव्रोशेचका के साथ जंगल में गई और इसके बाद उसके साथ-साथ खेत में पहुंच गई। वह थी तो
हव्रोशेचका तीसरी आंख के बारे में बिल्कुल भूल गई। तीन में से दो आंखें सो गई, मगर तीसरी देखती रही और उ
बुढ़े ने वैसा ही किया जैसा बुढ़िया ने उससे कहा था। उसने गाय को मार डाला और हव्रोशेचका ने वही सब कुछ
<div><br></div><div>बहुत समय पहले की बात है एक बूढ़ा अपनी बुढ़िया के साथ रहता था।</div><div> एक
<div>गुलगुले ने गाना गाया ताकि खरगोश गुलगुले को ना खाएं। </div><div>
गुलगुले को रास्ते में एक लोमड़ी मिली, जब वह लुढ़कता ही जा रहा था। <div>गुलगुले, ओ गुलगुले तुम क
<div> एक बार एक बूढ़ा अपनी बीवी के साथ रहता था। उन्होंने अपने आसपास की खाली जमीन पर सब्जी उगाने
एक बार की बात है एक बूढ़ा अपनी बुढ़िया के साथ रहता था। बूढ़े ने अपनी बीवी से कहा: "मालकिन मैं घोड़ों
चालाक लोमड़ी तो इसी मौके के इंतजार में थी। उसने चुपचाप, एक के बाद दूसरी, दूसरी के बाद तीसरी मछली उठा
लोमड़ी ने जवाब दिया "खाती हूं अपना, तुम पास मत पटकना!" भेड़िए ने कहा: "6 मछलियां मुझे भी दो ना!" ल
अब लोमड़ी एक औरत के घर में घुस गई। वहां परात में गूंथा हुआ आटा रखा था। लोमड़ी ने पेट भर कर गूंथा हुआ
किसी समय एक बूढ़ा अपनी बीवी के साथ रहता था। उनके पास मेंढ़ा, मुर्गा, एक सूअर और बैल था।<div>1 दिन बू
बैल ने अपने बारे में ऐसे सुना तो वह भी भाग गया। गर्मी के दिनों में जंगल में खूब मंगल रहता है। सभी के
बैल ने सोचा कि अगर मैंने इसे भीतर ना आने दिया तो, यह मुझे भी ठंड में ठिठुरने के लिए मजबूर कर देगा। इ
<div><br></div><div>मुझे भी तो रहने दो नहीं तो मैं उड़कर छत पर जा बैठूंगा और फिर देखना छत में सूराख
<div><br></div><div> </div><div>हंस ने अपने अगल-बगल चिमनियां मारनी शुरू की।</div><div> और
<div> बहुत पुरानी बात है, एक बूढ़ा और उसकी बीवी रहते थे। बूढ़ा जंगली मुर्गों और जानवरों का शिका
<div>मगर जब तक उसने निशाना साधा, वह वहां नहीं था। </div><div>क्या बदकिस्मती है बुढे़ ने कहा।</div><div> जहां से एक पक्षी उड़ा था उसने उस झाड़ी में झांक कर देखा। उसने दे
बुढ़िया बेहद खुश हुई और उसने सारा वृत्तांत जाना। बुढ़िया जहां थी वहीं की वहीं खड़ी रह गई। उसके मुंह से एक भी शब्द नहीं निकल पा रहा था। कुछ देर इसी तरह खड़ी रहने के पश्चात उसने नि:स्वास छोड़ा और भोजन ल
<div>इस पर छोटे इवान ने पूछा- पहले बताओ तो सही, तुम्हारा काम है क्या? </div><div>कारिंदे ने कहा- काम बहुत मुश्किल नहीं है। तुम्हें जार के संरक्षित चरागाहों के घास को काटकर सुखानी होगी। तब उसे पहल
दूसरे दिन सूरज चमका। भाइयों ने सारी कटी हुई घास सुखाई और गंजियों में इकट्ठी की। संध्या होते ही सूखी घास के बड़े-बड़े गंज बन चुके थे। इसके बाद उनमें से हर एक ने आधे कलाच के साथ आधा बैल खाया, शराब की आध
युवान उसे जार के महल में ले गया और एक अस्तबल में उसने उसे बंद कर दिया। जार की रसोई घर में जाकर निश्चिंत होकर सो गया। <div>अगले दिन बाजार के पास गया और बोला- हुजूर मैंने मालूम कर लिया है आपके चराग
सईस ने पियक्कड़ को शराब का एक और गिलास भेंट किया और कहा- धन्यवाद!<div> वे जार के मुख्य द्वार पर पहुंचे। वहां वे ज़ोर ज़ोर से जार के कमरे की खिड़की के नीचे खड़े होकर गपशप करने लगे।</div><div> 
इवान मुंह लटकाएं और दुःखी होता हुआ जार के दरबार से चला गया। उसने सुनहरी अयान वाली घोड़ी को लगाम पहनाया और घोड़ी से कहा- आज मैं बहुत दुःखी हूं। <div> घोड़ी ने इवान से पूछ
बाबा यागा ने अपने मेहमान को देखा तो चिल्लाई-<div> ओ रूसी खून की बू! </div><div> पहले कभी नहीं मिली। </div><div> &nbs
<div>हां बेटे! यह तो मैं जानती हूं कि ये चीजें कहां मिल सकती है। मगर इनका पाना बहुत मुश्किल है। बहुत से वीर युवक इनकी खोज में जा चुके हैं, मगर कभी कोई लौट कर नहीं गया।</div><div>अच्छा दादी होनी तो होक
बड़ी बुद्धि वाले छोटे इवान ने झोपड़ी से कहा- झोपड़ी झोपड़ी! अपनी पीठ जंगल की ओर तथा मुंह मेरी तरफ कर ले। झोपड़ी घूमी और इवान सीढ़ियों पर चढ़कर ऊपर गया।<div>उसने दरवाजा खोला तो उसे चुड़ैल की एक कर्कश आ
तब बाबा यागा ने कहा- वह जगह तो बहुत दूर नहीं है, मगर मैं यह नहीं कह सकता कि तुम वहां से जिंदा भी लौट सकोगे। अपने आप बजने वाली गूसली,नाचने वाला हंस और सुर भरने वाला बिल्ला यह सभी चीजें मेरे भांजे गौरीन
मैं तुम्हें तुम्हारी मुसीबत परेशानी से निजात दिलाने की कोशिश करूंगी। अब तुम भीतर आओ। खाओ पियो और आराम करो। <div>वह उसे भीतर ले गई और उसे खूब खिलाया पिलाया। अब तुम्हें छुप जाना चाहिए। मेरा बेटा गौ
अच्छा बेटा अपने शब्द याद रखना, बाबा यागा ने उत्तर दिया और तब उसने तहखाने का दरवाजा खोला। बाहर आ जाओ इवान। तुम घर के मालिक का सम्मान करते हुए उसके साथ ताश की 1 बाजी खेलो। वे दोनों मेज पर बैठ गए तो गोरी
<div>मगर वह बहुत थका हुआ और उनींदा था, इसलिए वीर युवक ने बाजी तीसरी बार भी मार ली। </div><div>गौरीनीच सहम गया और घुटने टेककर दया की भीख मांगने लगा। वीर युवक! मुझे खाना नहीं, मेरी जान मत लेना। तुम
दावत खत्म हुई और छोटे इवान वे अजूबे अपने साथ ले लिए। तब उसने बाबा यागा से विदा ली। इसके बाद गौरीनीच को साथ लेकर नीले आकाश की ओर उड़ गया। एक घंटा भी नहीं बीता कि वह सबसे छोटी बाबा यागा की झोपड़ी के साम
<div>समय गुजरता गया पर नाच जारी रहा। बादशाहों और जारों के ताज उतर कर इधर-उधर जा गिरे और उनके शहजादे और राजकुमार खुशी से भरपूर, रूसी लोक नाच नाचते रहे। मंत्री और सामन्त पसीने से लथपथ होकर हांफने लगे मग
अब उन्होंने उसे एक जाम भर कर दिया। शराबी ने उसे पीकर कहा- हमारे जार को विदुर हुए 40 वर्ष हो गए हैं। तब से अब तक उसने शहजादी एल्योना को पाने की बहुत कोशिश की। मगर उसे पाने में वह सदैव असफल रहा। तीन बार
जार से जुदा होते समय इवान बड़ा उदास और चिंता में डूबा हुआ था। उसने सुनहरी अयान वाली घोड़ी पर जीन कसा और घोड़ी से पूछा- प्यारे मालिक की सहायता करोगे? <div>घोड़ी ने पूछा- प्यारे मालिक तुम इतने उदास
जब वह पास आएगी तो तुम मुंह ताकते खड़े मत रहना, झटपट उसे पकड़ लेना। मैं पास ही तैयार खड़ी मिलूंगी तुम जरा सी भी देर मत होने देना। झटपट शहजादी को लेकर मेरी पीठ पर सवार हो जाना और बस हम दोनों यहां से चलत
तब मुझे यह बताओ बड़ी बुद्धि वाले छोटे इवान कि तुम मुझे अपने लिए भगा कर लाए हो या किसी दूसरे के लिए?<div> जार के लिए उसी ने मुझे ऐसा करने का
दाइयां, दासियां और नौकरानी शहजादी को उसके कमरे में ले गई। जार ने बड़ी बुद्धि वाले छोटे इवान से कहा- बहुत खूब इवान। इस सेवा के बदले मैं तुम्हें अपना प्रधानमंत्री बनाता हूं। तीन नगर और उसके इर्द-गिर्द क
(१)एक समय की बात है। दो भाई सफर के लिए निकले। एक भाई अमीर था तो दूसरा भाई
(२) उसने अपने दोस्त को आभार प्रकट किया। उधर गरीब भाई फू
एक समय की बात है एक किसान अपनी बीवी के साथ रहता था। लेकिन बीवी को गप मारने का बहुत शौक था। उसके पेट में कोई भी बात नहीं पचती थी। वह ज्यों ही कोई बात सुनती त्यों ही उसे पूरे गांव में सुना आती।एक
(२)हे भगवान उसकी बीवी हाथ पकड़कर चिल्लाई। यह कैसा अजीब दिन है? मछली पकड़ने