“गीत”क्या सुनाऊँ आप को जब आप दिल में आ बसेनैन तो कबसे विकल थे चैन दिल में आ बसे........ क्या सुनाऊँ आप को.....देखना जी इस गली में और भी गलियाँ बहुत रुक न जाना छोड़ राहें मोड़ भी मिलते बहुत क्या भला फरियाद होगी यह गली अंधेर मेंछाया न आती दिन बताने रैन दिल में आ बसे......क्या