shabd-logo

रामनवमी 2024

hindi articles, stories and books related to raamnvmii 2024

यह त्यौहार भगवान राम के जन्म का जश्न मनाता है जो भगवान विष्णु के अवतार हैं। यह त्योहार चैत्र शुक्ल नवमी को मनाया जाता है। भगवान राम, जो अयोध्या के राजा बने, अपने अनुकरणीय गुणों के लिए जाने जाते थे।


featured image

प्रचलन दुष्टों का बढ़ा, बढ़ता कलियुग आज,  सीधा-सरल और सादगी, बन बैठे अपराध ।                (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"                 

featured image

जिस थाली में खा रहा,  उसमें करता छेद,  ऐसे जन पहचानकर, कभी न कहियो भेद।                (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"    

featured image

घड़ी- घड़ी क्यों कर रहा,  मरने का अपराध,  जीवन ही अनमोल है,  मलते रह जइयो हाथ।  (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"                     

*प्रभु श्रीराम*नवमी के दिन प्रकट हुएदशरथ के घर श्रीरामअयोध्या में उत्सव मन रहागाते सब मंगलगान।पिता वचन को माननेकर सारे सुख बलिदानलक्ष्मण सीता संग मेंवन को कर गए प्रस्थान।खर-दूषण का वध किएदिए सबरी को म

शब्दों का प्रयोग सावधानी से करिए साहब, ये परवरिश का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करते हैं ...!(कृपया शालीनता से टिप्पणी करें और गलत भाषा का चयन करके अपनी गलत मानसिकता प्रकट न करें)-दिनेश कुमार कीर

featured image

सूरज  की  एक  रौशनी,   देती  अंकुर  फोड़,  अपने मतलब की सीख को, लेवो सदा निचोड़ ।                (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"               

featured image

चलती चक्की साँस की,  जाने कब रुक जाय, जोड़-घटा और गुना-भाग में, काहे समय गँवाय ।                (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"                 

featured image

सोना उतना ही भला,  जितने से काम चल जाये, ज्यादा सोया,  ज्यादा पाया,  तन या मन ढाल जाये । (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"

featured image

जहर भर गया जेहन में,  कैसा जादू होय,  जैसे कूकुर बावरा,  बिना बात के रोय ।                (c)@दीपक कुमार श्रीवास्तव "नील पदम्"      

वो पुराने दिन, वो सुहाने दिन जब टीवी घर आया, तो लोग किताबें पढ़ना भूल गए । जब कार दरवाजे पर आई, तो चलना भूल गए । हाथ में मोबाइल आते ही चिट्ठी लिखना भूल गए । जब घर में ac आया, तो ठंडी हवा के लिए पे

featured image

देखें क्या है राम में, चलें अयोध्या धाम में, तैयारी हैं जोर-शोर से सभी जुटे हैं काम में । कौन राम जो वन को गए थे, छोटे भईया लखन संग थे, पत्नी सीता मैया भी पीछे, रहती क्यों इस काम में ।

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए