“नवगीत” सावन की पुरुवाई, घटा घिरि आई सजनी बादल की तरुनाई, अदा चित छाई सजनी साजन घर तरु ओरी, नदी उतिराई छलकी पाहुन की पहुनाई, निशा लहराई सजनी......सावन की पुरुवाई, घटा घिरि आई सजनी आपन मनन मिताई, नैन भिगाई सजनी चातक चहक चिराई, सुबा निराई सजनी सोहर सगुन सुनाई, ख