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04 सन्तोष

5 जनवरी 2024

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04 सन्तोष

चार एकम चार, सन्तोष जीवन का सार।

चार दूनी आठ, सुख की इकलौती गांठ ।।

चार तिया बारह, भूल जाएं दुःख सारा।

चार चौक सोलह, भरो पूण्य से झोला ।।

चार पंजे बीस, मत करो किसी से रीस। 

चार छंग चौबीस, उठा रहेगा सदा यह शीश ।।

चार सत्ते अट्ठाईस, ज़रूरत पर हो फ़रमाइश ।

चार अट्ठे बत्तीस, मिट जाए ग़मों की टीस।।

चार नामे छत्तीस, ख़ुशियों की ये ही फ़ीस ।

चार दहाई चालीस, संतुष्ट हो जीवन, हे ईश।।
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रचनाएँ
मज़ेदार पहाड़े
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कविता के रूप में पहाड़े
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01 नेकी

5 जनवरी 2024
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01 नेकीएक एकम एक, नेक बनो भई नेक।एक दूनी दो, न बुरा कहो - न सुनो।।एक तिया तीन, परोपकार में हो लीन।एक चौक चार, अच्छा रखो व्यवहार ।।एक पंजे पाँच, अच्छाई को नहीं आँच ।एक छंग छः, सबसे मिलकर रह।।एक सत्ते स

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02 स्वच्छता

5 जनवरी 2024
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02 स्वच्छतादो एकम दो, हाथ रगड़कर धो।दो दूनी चार, सफाई से कर प्यार ।।दो तिया छः, साफ कपड़ों में रह।दो चौक आठ, सफाई का पढ़ पाठ।।दो पंजे दस, नाखून साफ रख।दो छंग बारह, स्वच्छ घर हमारा ।।दो सत्ते चौदह, घर

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08 ट्रैफिक नियम

5 जनवरी 2024
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08 ट्रैफिक नियमआठ एकम आठ, ट्रैफ़िक नियमों का यह पाठ।आठ दूनी सोलह, चलो साइड से अपनी राह ।।आठ तिया चौबीस, मत करो गति पर रीस।आठ चौक बत्तीस, काग़जों की होगी तफ़्तीस ।।आठ पंजे चालीस, सीट बेल्ट को कहती पुलि

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03 अनुशासन

5 जनवरी 2024
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03 अनुशासनतीन एकम तीन, न बन अनुशासनहीन।तीन दूनी छः, समयबद्ध रह ।।तीन तिया नौ, देरी से काम क्यों।तीन चौक बारह, नियम हमको प्यारा ।।तीन पंजे पन्द्रह, नियमों से बंध जा।तीन छंग अट्ठारह, सफल जीवन हमारा।।तीन

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09 आत्मविश्वास

5 जनवरी 2024
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09 आत्मविश्वासनौ एकम नौ, खुद पर भरोसा करो।नौ दूनी अट्ठारह, इरादा मज़बूत हमारा ।।नौ तिया सत्ताईस, हिचको नहीं भाई।नौ चौक छत्तीस, सफलता हो सुनिश्चित ।।नौ पंजे पैंतालीस, सब होते प्रभावित।नौ छंग चौबन, सफल

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04 सन्तोष

5 जनवरी 2024
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04 सन्तोषचार एकम चार, सन्तोष जीवन का सार।चार दूनी आठ, सुख की इकलौती गांठ ।।चार तिया बारह, भूल जाएं दुःख सारा।चार चौक सोलह, भरो पूण्य से झोला ।।चार पंजे बीस, मत करो किसी से रीस। चार छंग चौबीस, उठा

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10 संचारी रोग

5 जनवरी 2024
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10 संचारी रोगदस एकम दस, संचारी रोग रोको बस।दस दूनी बीस, मलेरिया, चेचक इसमें शामिल।।दस तिया तीस, डेंगू, डायरिया आते सामूहिक।दस चौक चालीस, सफाई रखो खालिस ।।दस पंचे पचास, रोकथाम का करो प्रयास।दस छंग साठ,

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05 सत्यनिष्ठा

5 जनवरी 2024
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05 सत्यनिष्ठापाँच एकम पाँच, नहीं साँच को आँच ।पाँच दूनी दस, सदा झूठ से बच।।पाँच तिया पन्द्रह, बनो न्याय प्रिय। पाँच चौक बीस, ईमानदारी को मिलती तरजीह ।।पाँच पंजे पच्चीस, सत्य की होती जीत।पाँच छंग

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06 धैर्य

5 जनवरी 2024
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06 धैर्यछः एकम छः, धैर्य से काम ले।छः दूनी बारह, धैर्य का बोलबाला।।छः तिया अठारह, जीवन बनता प्यारा।छः चौक चौबीस, सब्र तू रखना सीख ।।छः पंजे तीस, तुम बनो धीर।छः छंग छत्तीस, करे दृढ़ता चारित्रिक ।।छः सत

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07 ईमानदारी

5 जनवरी 2024
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07 ईमानदारीसात एकम सात, ईमान का दो साथ।सात दूनी चौदह, करो सच्चा सौदा ।।सात तिया इक्कीस, बेईमानी गन्दी चीज़ ।सात चौक अट्ठाइस, कम रखो ख्वाहिश ।।सात पंजे पैंतीस, मेहनत करो तुम नित।सात छंग बयालिस, सोना बन

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