05 सत्यनिष्ठा
पाँच एकम पाँच, नहीं साँच को आँच ।
पाँच दूनी दस, सदा झूठ से बच।।
पाँच तिया पन्द्रह, बनो न्याय प्रिय।
पाँच चौक बीस, ईमानदारी को मिलती तरजीह ।।
पाँच पंजे पच्चीस, सत्य की होती जीत।
पाँच छंग तीस, निष्पक्ष होना सीख।।
पाँच सत्ते पैंतीस, नैतिकता करो विकसित ।
पाँच अट्ठे चालीस, इच्छाएँ रखो सीमित ।।
पाँच नामे पैंतालीस, सदाचार हो विकसित।
पाँच दहाई पचास, सत्यनिष्ठा सबसे खास ।।